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जिंदगी का सार

जीवन इतना अप्रत्याशित है...
आप छुट्टी मनाने जाते हैं और आतंकवादी आपको गोली मार देते हैं।
आप एक ट्रॉफी परेड में जाते हैं और भगदड़ में कुचले जाते हैं।

आप काम या छुट्टी के लिए फ्लाइट में जाते हैं और यह दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है।

आप अपने हाॅस्टल में पढ़ाई कर रहे होते हैं और एक विमान आप पर गिर जाता है।

हमारी जिंदगी की डोर हमारे हाथ में है ही नही।
एक पल का भी भरोसा नहीं है।
सब कुछ परमात्मा के हाथ में है। इसलिए इन्सान को अपना अहंकार त्याग कर बहुत ही सरल भाव से सुबह शाम, आते जाते, उठते बैठते,सोते जागते, बार बार, हर स्वास स्वास में करुण पुकार करते रहना चाहिए
हे नाथ, हे मेरे नाथ, मै आपको भूलूं नहीं

हें प्रभु राखो शरण अपनी

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