
*प्रभु यीशु मसीह के वचन सच्ची सफलता का मार्ग दिखाते हैं, जो परमेश्वर की इच्छा और सेवा में है।*
पिचुपाडा़ / बांदीकुई / राजेन्द्र कुमार बैरवा।। प्रभु यीशु मसीह की शिक्षाएं प्रेम, क्षमा, दया और सेवा के मूल्यों पर आधारित हैं, जो हमें आत्मिक और सामाजिक जीवन में मार्गदर्शन देती है,यीशु सिखाते हैं कि सफलता धन में नहीं, प्रेम और विश्वास में है (मत्ती 6:33) मत्ती 22:37-39 में यीशु कहते हैं:“तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख। यह पहली और बड़ी आज्ञा है। और दूसरी आज्ञा है: तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख,मत्ती 5:44 में यीशु कहते हैं,“अपने शत्रुओं से प्रेम करो, और उनके लिए प्रार्थना करो, जो तुम्हें सताते हैं। यह शिक्षा हमें सिखाती है कि सच्चा प्रेम बदले की भावना से ऊपर उठता है और क्षमा पर आधारित होता है।
गवाही: राहुल ने नौकरी खोने के बाद यीशु के वचनों से प्रेरणा ली, प्रार्थना की, और जरूरतमंदों की मदद की। उसका छोटा व्यवसाय जो आज समुदाय में आशा और समृद्धि का प्रतीक है (यूहन्ना 15:5: “यीशु ने कहा,मुझ में बने रहो, तो फल लाओगे।” ,संदेश: यीशु के वचन हमें सिखाते हैं कि प्रेम, दया, और विश्वास से जीया गया जीवन ही सच्ची सफलता लाता है। आइए, उनके मार्ग पर चलकर न केवल अपने जीवन को सार्थक बनाते हैं, बल्कि समाज को भी बेहतर बनाती हैं।