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संविधान के प्रति सम्मान: इस शादी में दूल्हा और दुल्हन ने भारतीय संविधान के प्रति अपने सम्मान को दर्शाया है।



शक्ति जिले में अनोखी शादी: डॉ. अंबेडकर को साक्षी मानकर लिए सात फेरे

छत्तीसगढ़ के शक्ति जिले के हसौद तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत नगारीडीह में एक अनूठा विवाह समारोह संपन्न हुआ, जिसने समाज में एक नई मिसाल पेश की है। इस शादी में दूल्हा सुरेंद्र प्रताप सिंह और दुल्हन विंधश्वरी(पिता मनीलाल निराला) ने भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के छायाचित्र को साक्षी मानकर सात फेरे लिए।

पारंपरिक रीति-रिवाजों से हटकर, इस जोड़े ने अपने नए जीवन की शुरुआत भारतीय संविधान की प्रस्तावना का पाठ करके की। यह विवाह न केवल एक व्यक्तिगत मिलन था, बल्कि संविधान के मूल्यों और सिद्धांतों के प्रति गहरी आस्था और सम्मान का भी प्रतीक बना।

यह आयोजन दर्शाता है कि कैसे युवा पीढ़ी अपने जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों को सामाजिक संदेश देने और प्रेरणा स्रोत व्यक्तियों के आदर्शों को अपनाने का माध्यम बना रही है। डॉ. अंबेडकर के प्रति यह सम्मान और संविधान के प्रति निष्ठा निश्चित रूप से अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगी।
यह एक अद्वितीय और प्रेरणादायक विवाह समारोह है, जिसमें दूल्हा और दुल्हन ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के छायाचित्र को साक्षी मानकर सात फेरे लिए और भारतीय संविधान की प्रस्तावना का पाठ करके अपने नए जीवन की शुरुआत की।

इस अनोखी शादी के महत्वपूर्ण पहलू:

1. संविधान के प्रति सम्मान: इस शादी में दूल्हा और दुल्हन ने भारतीय संविधान के प्रति अपने सम्मान को दर्शाया है।
2. नए जीवन की शुरुआत: उन्होंने अपने नए जीवन की शुरुआत में संविधान के मूल्यों और सिद्धांतों को अपनाने का संकल्प लिया है।
3. सामाजिक संदेश: यह शादी सामाजिक संदेश देती है कि संविधान के मूल्य और सिद्धांत हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं।

इस अनोखी शादी का महत्व:

यह शादी न केवल दूल्हा और दुल्हन के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण है। यह दर्शाता है कि संविधान के मूल्य और सिद्धांत हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं और हमें अपने जीवन में इन्हें अपनाने का प्रयास करना चाहिए।

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