जिन कारणों से समाज में उदासीनता बढ़ रही है। अजीव माहौल बना दिया गया है अयोग्य संचालकों ने
अयोग्य चालक के कारण कार कंपनी, अयोग्य अधिकारी के कारण घटिया विकास से सीमेंट, अयोग्य नाविक के कारण पानी को बदनाम करना न्यायोचित नहीं। जिसकी जिम्मेदारी है उससे हजारो सवाल किये जाना प्रजातंत्र को जीवित रखने जैसा है। समाज में परिणाम न देने वाले लोगों से सवाल करने को गाय हत्या जैसा मानने लगे हैं। अजीव माहौल बना दिया गया है अयोग्य संचालकों द्वारा वर्तमान समाज का। ऐसा ही माहौल हर बार की तरह आज देखा गया। अयोग्य संचालन से सेकडों लोगों के सभा में आने और न आने का कोई मतलव नहीं रह गया है। सबसे पहले --1. नियमानुसार प्रचार प्रसार नहीं होना पाया गया। 2. यह मीटिंग एक महीने के देरी से बुलाई गई और समाज इंतजार करता रहा। 3. संचालन total उदासीन रवैया का शिकार रहा। 4. हर किसी में गुस्सा मौसमी गर्मी के कारण नहीं.... एक दूसरे को नीचा दिखाने के कारण। 5. हर कोई भाई गुस्से में बात करता है जैसे कि घर या पडोसी से झगड़ कर के आ रहे हैं। 6. वक्ताओं कोई सूची नहीं, कोई मोनिटरिंग व मैनेजमेंट नहीं। 7. मुद्दे सूचीवद्ध नहीं। 8. सभा के आज का सभापति का न बनाया जाना। कोई अध्यक्ष महोदय, कोई सभापति महोदय बोलकर आरंभ कर रहे। 9. जो कोई बोलता है उसे गरियाना, बुराई चहुंओर... 10. किसी ने कोई पॉइंट बोला है तो उस पर गौर न करना, न सूची बनाना और न ही उस पर संचालक द्वारा टिप्पणी न करना। 11. वक्ताओं के मुह से थूक कभी कभी दिखता था लेकिन अब गाली, तू तड़ाक आम बात हो गयी है और ऐसे लोगों के लिए ताली बजाने वाले कम नहीं। 12. कोई अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाता है तब तक कोई भी बीच में बिना शालीनता के बोलने वाले पर कोई रोक टोक नहीं। 13. प्रेस नोट तेयार नहीं14. जहा जहां नियमों का उलंघन हुआ है उसका कोई विवरण नहीं। 15. पदाधिकारियों द्वारा कोई सर्वे नहीं कि समाज में क्या चल रहा है। 16. किसी भी विभाग को कोई पत्र नहीं भेजना यह बताता है कि पदाधिकारी कितने सक्रिय नहीं है। 17. एक पॉइंट को बार बार रिपीट करना आम बात हो गयी है। 18. राजेश जी सरपंच कितनी जल्दी बोलते हैं, किसी को समझ नहीं आता। 19. SR मीना जी दिल्ली वाले को पास मंच संचालन नहीं था तो भी बार बार बिना परमिशन बोलते दिखे।