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हैदराबाद में हिंदी प्रचार सभा की 90वीं वर्षगांठ सभा के सभागार में धूमधाम से मनाई गई।

हैदराबाद में हिंदी प्रचार सभा की 90वीं वर्षगांठ सभा के सभागार में धूमधाम से मनाई गई।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने विभिन्न राज्यों से आए हिंदी स्वयंसेवकों को सम्मानित किया। उन्होंने सभा द्वारा 90वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्कूल और कॉलेज स्तर के विद्यार्थियों के लिए आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए। सभा के अध्यक्ष प्रोफेसर चंद्रदेव ने सभी का अभिवादन किया और कहा कि सभा की स्थापना 1935 में उगादी पर्व के दिन हुई थी। प्रधानमंत्री एस. गैबवाली ने मुख्य अतिथि का परिचय कराया।

राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने कहा कि सभा में आकर उन्हें बहुत खुशी हुई। आप 90 वर्षों से हिंदी का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। आप संपर्क भाषा का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। यह बहुत ही सराहनीय कार्य है। सभा को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए मैं सभा के पदाधिकारियों को धन्यवाद देता हूं।

हार्दिक बधाई। उन्होंने कहा कि सभा भविष्य में भी हिंदी प्रचार में अग्रणी रहेगी। उन्होंने कहा कि हम पूर्वी राज्यों में हिंदी का प्रचार कर रहे हैं। वहां के बच्चे हिंदी बोलते हैं। आदिवासी परिवारों के बच्चे भी हिंदी बोलते हैं। जब सभा की स्थापना हुई थी, तब प्रचार के ज्यादा साधन नहीं थे। अब इंटरनेट का युग है।

राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा और अन्य ने हैदराबाद में हिंदी प्रचार सभा के वार्षिक समारोह में भाग लिया।

सोशल मीडिया, सेलफोन आदि की मदद से हिंदी गांव-गांव तक पहुंच रही है। राज्यपाल ने कहा कि सभा अपनी 90वीं वर्षगांठ मना रही है। इसका मतलब है कि यह काम कर रही है। इसीलिए सभा अभी भी सक्रिय रूप से काम कर रही है, राज्यपाल ने कहा। प्रोफेसर सुनील बाबूराव कुलकर्णी, निदेशक, केंद्रीय हिंदी निदेशालय, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा, नई दिल्ली ने कहा कि वे सभा में आकर बहुत खुश और प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने कहा कि सभा पिछले नब्बे वर्षों से अपनी शताब्दी की ओर बढ़ रही है। उन्होंने सभा की कार्यसमिति के सदस्यों को हार्दिक बधाई दी। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. सुषमा देवी ने किया। इस कार्यक्रम में सैकड़ों हिंदी शिक्षक, प्राध्यापक, केंद्रीय व्यवस्थापक, प्रचारक, हिंदी प्रेमी एवं अन्य लोग शामिल हुए।

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