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मुख्य सचिव व डीएम को पत्र लिख सांसद/विधायक प्रतिनिधियों के गतिविधियों की उच्चस्तरीय जांच की मांग की पूर्व विधायक रणवीर यादव ने

खगड़िया के पूर्व विधायक जनता के दिलों पर राज करने वाले रणवीर यादव ने बेहद ही गंभीर आरोप लगाते हुए खगड़िया जिला पदाधिकारी और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सांसद, विधायक , विधान परिषद सदस्यों के नाम पर कथित प्रतिनिधियों की गतिविधियों की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिले में सरकारी अधिकारियों और अभियंताओं से पैसों की उगाही का रैकेट संचालित हो रहा है, जिसमें जिले के बाहरी लोग ,संलिप्तता सामने आ रही है। रणवीर यादव ने पत्र में लिखा है कि यह रैकेट विशेष रूप से इंजीनियरिंग विभागों, बाढ़ नियंत्रण, भवन निर्माण, पीएचईडी, ग्रामीण कार्य, शिक्षा, परिवहन और खनन विभाग के अधिकारियों को सर्किट हाउस में बुलाकर सरकारी कार्यो का निरीक्षण, अनुश्रवण और सर्वेक्षण कार्यान्वयन के नाम पर मोटी रकम की मांग की जाती है। नही देने पर स्थानांतरण और शिकायत का भय दिखाया जाता है। जिसके कारण अधिकारी में भय व्याप्त है। पूर्व विधायक ने स्पष्ट किया कि संविधान या किसी सरकारी प्रावधान में सांसद, विधायक या विधान पार्षद के प्रतिनिधियों का किसी प्रकार का वज़ूद नहीं है बतौर सांसद विधायक अस्थायी रूप से प्रतिनिधि को किसी भी अनुमंडल और प्रखंड की विभागीय अनुश्रवण की बैठक में उस तिथि के लिए नामित कर सकता है ।। ऐसे प्रतिनिधि सिर्फ नामित तिथि पर विशेष बैठक में भाग ले सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि खगड़िया सांसद के प्रतिनिधि के नाम पर मधेपुरा निवासी एक व्यक्ति खगड़िया आकर इस पूरे उगाही रैकेट का संचालन कर रहा है। जो अपराध की श्रेणी में आता है। श्री यादव ने कहा कि पूरे प्रकरण की जांच सर्किट हाउस में लगे सीसीटीवी कैमरों से की जा सकती है। उन्होंने डीएम नवीन कुमार सिंह से मांग की है कि सांसद/विधायक/विधान परिषद प्रतिनिधियों को क्या नियमानुसार और संवैधानिक अधिकार सरकार से प्राप्त है? स्थिति स्पष्ट की जाए और इस तरह से धन उगाई पर रोक लगाने हेतु आवश्यक निर्देश जारी की जाय । पूर्व विधायक के इस पत्र के बाद प्रशासनिक महकमे में हलचल सी मच गई है और अधिकारी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं।

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