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ईरान-इज़राइल युद्ध: भारत ने ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों और छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया

✍️ लेखक: Hannu Goyal
🗓️ दिनांक: 16 जून 2025

नई दिल्ली:
ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते युद्ध के हालात के बीच भारत सरकार ने तत्काल कदम उठाते हुए ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों, खासकर छात्रों, को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है। तेहरान स्थित भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय की संयुक्त निगरानी में यह ऑपरेशन चलाया गया।

🇮🇳 सरकार की सक्रियता

विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि तेहरान, कुम, मशहद जैसे शहरों में रह रहे भारतीय छात्रों और नागरिकों से लगातार संपर्क बनाए रखा गया है। उच्च प्राथमिकता पर उनके लिए वैकल्पिक आश्रय और निकासी की व्यवस्था की जा रही है।

“हम अपने प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। परिस्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है,” – विदेश मंत्रालय प्रवक्ता।

👨‍🎓 सबसे ज़्यादा प्रभावित छात्र

ईरान में लगभग 4000 भारतीय नागरिक रह रहे हैं, जिनमें से करीब 2000 छात्र हैं। इनमें से अधिकांश छात्र जम्मू-कश्मीर से हैं और मेडिकल व इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत हैं।

इन छात्रों ने बताया कि कई दिनों से बम धमाकों और हवाई हमलों की आवाजें सुनाई दे रही हैं, जिससे उनमें दहशत का माहौल है।

🗣️ अभिभावकों की अपील

कश्मीर में छात्रों के परिजनों ने सरकार से गुहार लगाई थी कि बच्चों को शीघ्र वापस लाया जाए। श्रीनगर में कई जगह प्रदर्शन भी हुए। राज्य के नेताओं ने भी इस मुद्दे को विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया।

💬 ओमर अब्दुल्ला का हस्तक्षेप

पूर्व मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने इस मुद्दे पर विदेश मंत्री से बातचीत की और सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।

🔍 निष्कर्ष:

भारत सरकार की तत्परता और दूतावास की सक्रिय भूमिका से बड़ी संख्या में छात्रों और नागरिकों को फिलहाल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। हालात पर नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर निकासी अभियान भी शुरू किया जा सकता है।

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