
मनावर के मुक्तिधाम ने ओढ़ी हरियाली की चादर: जनसहयोग और संकल्प ने रचा सौंदर्य और सेवा का नया अध्याय
मनावर के मुक्तिधाम ने ओढ़ी हरियाली की चादर: जनसहयोग और संकल्प ने रचा सौंदर्य और सेवा का नया अध्याय
🔸 24 लाख की लागत से बना लकड़ी गोदाम, अब एक कॉल पर अंत्येष्टि की सम्पूर्ण व्यवस्था
🔸 नीम के 111 पौधों के रोपण का लक्ष्य, आने वाले समय में आत्मनिर्भर होगा मुक्तिधाम
🔸 पक्के कुएं से स्नान घाट तक, लगातार हो रहा है विकास
📌 कैलाश मुकाती वीआईपी की विशेष रिपोर्ट।
मनावर।
शहर के दक्षिणी छोर पर स्थित मुक्तिधाम अब न सिर्फ एक अंतिम विदा स्थल है, बल्कि हरियाली, सेवा और सौंदर्य का संगम बनता जा रहा है। करीब 8 वर्ष पूर्व जिस भूमि पर मुक्तिधाम सेवा समिति ने पौधारोपण का बीज बोया था, वह आज वृक्षों की छांव और आत्मिक शांति का उपवन बन चुका है।
जब इस यज्ञ की शुरुआत हुई थी, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह स्थान कभी एक हरा-भरा, सुव्यवस्थित गार्डननुमा परिसर में तब्दील हो जाएगा। आज यहाँ प्रवेश करते ही त्रिवेणी, पीपल, नीम, बिल्वपत्र, शमी जैसे धार्मिक और पर्यावरणीय महत्व के वृक्षों की छांव अनुभव होती है। गुलाब के पौधों से प्रस्फुटित फूलों की बहार इस स्थान को सुगंधित और पावन बना देती है।
🌳 सेवा और संवेदना का अद्भुत उदाहरण:
समिति की पहल पर अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के CSR विभाग से सहयोग मिला और यूनिट हेड विजय छाबड़ा तथा सीएसआर प्रमुख वीपी सक्सेना के निर्देशन में 24 लाख रुपये की लागत से विशाल लकड़ी संग्रहण गोदाम निर्मित हुआ। इस गोदाम में न सिर्फ लकड़ी, बल्कि गौशाला के शुद्ध कंडे व तुवर की गठ्ठियाँ भी संग्रहीत की गई हैं।
अब कोई भी व्यक्ति सिर्फ एक कॉल पर अंतिम संस्कार हेतु आवश्यक सामग्री प्राप्त कर सकता है। साथ ही गरीब, निराश्रित और लावारिस लोगों के लिए यह सेवा पूर्णतः निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। यह पहल समाज में अंतिम संस्कार को भी गरिमा और सेवा का रूप देती है।
💧 स्वच्छता और सुविधा की दिशा में एक और कदम:
जल्द ही यहाँ विशाल स्नान घाट भी बनाया जाएगा, जिससे मुक्तिधाम में आने वाले श्रद्धालुओं को स्नान की भी समुचित व्यवस्था मिलेगी।
🏛 नगरपालिका की संकल्पबद्ध सहभागिता:
वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष अजय पाटीदार ने स्पष्ट किया है कि "मुक्तिधाम के सौंदर्यीकरण एवं समुचित विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। यहां आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को एक पवित्र और शांत अनुभव प्राप्त होगा।"
🌱 भविष्य की योजना: आत्मनिर्भर मुक्तिधाम
मुक्तिधाम सेवा समिति के कैलाश राठौड़ एवं जे.डी. जौहरी ने जानकारी दी कि वर्षा काल में 111 नीम के पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। इन पौधों से भविष्य में अंत्येष्टि हेतु स्थानीय लकड़ी की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इस कार्य में चैरिटेबल ट्रस्ट एवं जनसामान्य का सहयोग अपेक्षित है।
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✨ मनावर का मुक्तिधाम अब सिर्फ एक स्थान नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतना, सेवा और हरियाली का प्रतीक बन गया है।
यह स्थान अब एक आदर्श बनकर सामने आ रहा है, जहाँ हरियाली, श्रद्धा और सेवा एक साथ पनप रही है।