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ग्राम मावा का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित, फिर भी चिकित्सक का पद रिक्त — ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

मावा (डीडवाना-कुचामन, नागौर):

राजस्थान सरकार भले ही ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचाने के लिए नई योजनाएं और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) विकसित कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे काफी अलग है। डीडवाना-कुचामन जिले का क्षेत्र की ग्राम पंचायत मावा इसका एक जीवंत उदाहरण है, जहाँ आधुनिक भवन और सुविधाएं तो हैं, पर सबसे आवश्यक चीज — डॉक्टर — नहीं है।

हाल ही में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मावा का दौरा किया गया, जहाँ केंद्र की स्थिति और कार्यप्रणाली का अवलोकन किया गया। दौरे में वहां कार्यरत स्टाफ से मुलाकात हुई, जिसमें वरिष्ठ कंपाउंडर श्री गोपीराम जी से बातचीत हुई। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पाँच सदस्यीय स्टाफ केंद्र पर कार्यरत है, लेकिन चिकित्सक का स्थायी पद रिक्त पड़ा हुआ है।

इलाज के लिए दूर-दराज जाना ग्रामीणों की मजबूरी

यह स्वास्थ्य केंद्र ग्राम मावा के साथ-साथ गणेशपुरा एवं आसपास की दर्जनों ढाणियों के लिए एकमात्र सरकारी चिकित्सा सुविधा है। लेकिन डॉक्टर के अभाव में आम ग्रामीण को बुखार से लेकर गर्भावस्था, बच्चों के टीकाकरण और बुजुर्गों की समस्याओं तक के इलाज के लिए दूर शहरों में जाना पड़ता है, जिससे समय, पैसा और स्वास्थ्य — तीनों का नुकसान होता है।

भवन शानदार, सुविधाएं मौजूद — पर इलाज अधूरा

दौरे में यह साफ देखा गया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन अत्याधुनिक डिजाइन में निर्मित है। स्वच्छ रूम, वेल वेंटिलेटेड केबिन, बिजली, पेयजल, रैम्प सुविधा और स्टाफ रूम जैसी सभी मूलभूत व्यवस्थाएं मौजूद हैं।
सरकार द्वारा निःशुल्क चिकित्सा और दवाई जैसी योजनाएं भी इस केंद्र में लागू हैं, लेकिन चिकित्सक के न होने से इनका प्रभावी लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है।

प्रशासन और सरकार से गंभीर अपील

ग्रामीणों और क्षेत्रीय सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से यह जिला कलेक्टर महोदय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO), और राजस्थान सरकार से गहन अपील की जा रही है कि इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक योग्य और स्थायी चिकित्सक की शीघ्र नियुक्ति की जाए।

एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा:

"आज जब सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को हर गांव तक पहुँचाने का दावा करती है, तो यह जरूरी है कि जिन जगहों पर सुविधाएं बनी हैं, वहाँ स्टाफ और डॉक्टर जैसे जरूरी पद भरे जाएं। मावा का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इसका उदाहरण है — जहाँ भवन भी है, योजनाएं भी हैं, लेकिन डॉक्टर नहीं है। यह स्थिति किसी भी समाज के लिए चिंता की बात है।"

ग्रामीणों से भी आग्रह: स्थानीय केंद्र का करें उपयोग

इसके साथ ही ग्रामीणों से भी यह अपील की गई है कि किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए पहले अपने ही गाँव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मावा में संपर्क करें। सरकार द्वारा दी जा रही मुफ्त सुविधाओं का लाभ लें और व्यवस्था को मजबूती दें।
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निष्कर्ष:

डॉक्टर की नियुक्ति मावा ग्राम पंचायत में सिर्फ एक प्रशासनिक आवश्यकता नहीं, बल्कि जनजीवन की बुनियादी जरूरत है। अगर यह कदम शीघ्र नहीं उठाया गया, तो ग्रामीणों की पीड़ा और गहराएगी। समय आ गया है कि स्वास्थ्य विभाग अपनी ज़िम्मेदारी निभाए और मावा जैसे गांवों को भी प्राथमिकता में लाए।

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