
सहसवान की सर-जमीं पर हर साल की तरह हज़रत सैय्यद लतीफ अहमद शाह (रह० अ०) का 84वाँ सालाना उर्स मुबारक सैकड़ों अकीदतमंदों की हाज़िरी में आरंभ
हज़रत सैय्यद लतीफ अहमद शाह (रह० अ०) का 84वाँ सालाना उर्स मुबारक सैकड़ों अकीदतमंदों की हाज़िरी में आरंभ
तीन दिवसीय उर्स में दूर-दराज़ से जायरीन पहुंचे, कुल शरीफ़ 22 जिलहिज को होगा
सहसवान (मुहिउद्दीनपुर), 20 जिलहिज 1446 हिजरी / 17 जून 2025:
हर साल की तरह इस बार भी सहसवान के मोहल्ला मुहिउद्दीनपुर में दरगाह शरीफ़ पर सूफ़ी संत हज़रत सैय्यद लतीफ अहमद शाह (रह० अ०) का 83वां सालाना उर्स मुबारक श्रद्धा और अकीदत के साथ आरंभ हो गया है। यह तीन दिवसीय उर्स मुबारक 17 जून से शुरू होकर 19 जून को सुब्ह 9 बजे कुल शरीफ़ के साथ समाप्त होगा। और इसके साथ ही हज़रत सैय्यद गफ्फार अहमद (रह० अ०) और माई तोकिरुन्निसा (रह० अ०) का उर्स भी एक साथ मनाया जा रहा है। उर्स के मौके पर दरगाह को फूलों, चादरों और रोशनी से भव्य रूप से सजाया गया है।
जायरीन का सैलाब:
अलीगढ़, आगरा, एटा, बदायूं, बरेली समेत प्रदेश के कोने-कोने से सैकड़ों जायरीन दरगाह पर हाजिरी देने और मन्नत-मुरादें लेकर पहुंचे हैं। लोगों ने नम आंखों से मजार शरीफ पर चादरें पेश कीं और दुआएं मांगी।
शान-ए-सूफ़ियत:
हज़रत सैय्यद लतीफ अहमद शाह (रह० अ०) नक्शबंदी-मुजद्ददी सिलसिले के महान सूफी बुजुर्गों में शुमार हैं। आप अपने दौर में गरीबों, जरूरतमंदों और दरमदों के लिए रहमत का जरिया बने। जो भी आपकी बारगाह में आया, खाली न गया।
उर्स की निगरानी:
उर्स की देखरेख और आयोजन की ज़िम्मेदारी हज़रत सैय्यद लतीफ़ अहमद शाह (र० अ०) के एहले खानदान सैय्यद हसीब अहमद, सैय्यद जहीर अहमद, सैय्यद वसीम अहमद और आगरा से तशरीफ़ लाए आदि की सरपरस्ती में की जा रही है। कार्यक्रम में लंगर का आयोजन, मेहफिल-ए-नात और रात में कव्वाली की महफिल भी रखी गई है।
पैग़ाम-ए-मोहब्बत:
यह उर्स मुबारक सिर्फ एक मजहबी आयोजन नहीं बल्कि मोहब्बत, भाईचारे और इंसानियत का पैग़ाम लेकर आता है। यह लोगों को जोड़ने, उनकी दुआओं को मुकम्मल करने और दिलों को सुकून देने का माध्यम है।
शरिक अली की रिपोर्ट
बदायूं