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Cyfuture BPO में कर्मचारियों का मानसिक और आर्थिक शोषण!”

Cyfuture BPO में कर्मचारियों का मानसिक और आर्थिक शोषण!”

📍स्थान – महापे MIDC, नवी मुंबई

📢 “जहाँ एक ओर भारत में ‘डिजिटल इंडिया’ की बात होती है, वहीं दूसरी ओर नवी मुंबई के महापे MIDC स्थित एक BPO कंपनी – Cyfuture – में कर्मचारियों को किया जा रहा है शोषण का शिकार!”

Cyfuture BPO कॉल सेंटर में काम करने वाले अधिकतर कर्मचारी या तो 10वीं–12वीं पास हैं या कॉलेज स्टूडेंट हैं। अनुभव की कमी और मजबूरी का फायदा उठाकर कंपनी कर रही है इन युवाओं का शोषण – वो भी खुलेआम!



🚨 कर्मचारियों के मुख्य आरोप –
1. पगार में देरी:
• कर्मचारियों को हर महीने की 17 से 20 तारीख के बीच वेतन मिलता है।
• इसका मतलब यह है कि दो महीने तक बिना वेतन काम करना पड़ता है।
2. अनियमित अटेंडेंस सिस्टम:
• किसी की अटेंडेंस लगती है, किसी की नहीं।
• लेकिन LWP (Leave Without Pay) तुरंत लागू कर दी जाती है – चाहे गलती कंपनी की हो या नहीं।
3. Peacock Holiday – सिर्फ नाम की छुट्टी:
• हफ्ते में एक छुट्टी का वादा होता है जिसे ‘Peacock Holiday’ कहा जाता है,
• लेकिन हकीकत में ये छुट्टी ज़्यादातर कर्मचारियों को नहीं दी जाती।
4. बिना पूछे शिफ्ट और छुट्टी बदलना:
• कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के शिफ्ट बदल दी जाती है।
• वीक ऑफ भी मर्जी से दिया या हटा लिया जाता है।



🧑‍💼 जिन पर कर्मचारी सीधे आरोप लगा रहे हैं –

👉 मैनेजर: जितेश – 📞 +91 93232 94012
👉 टीम लीडर: किरण – 📞 +91 99802 60364

कर्मचारियों का कहना है कि ये दोनों व्यक्ति ही सबसे ज़्यादा ज़िम्मेदार हैं।
इनका व्यवहार अपमानजनक है, ये दबाव बनाकर काम करवाते हैं और कर्मचारियों से मजदूरों की तरह व्यवहार करते हैं।

🛑 कर्मचारियों की साफ़ मांग है – इन दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए!



🧠 कर्मचारियों की मानसिक स्थिति –
• कई लोग मानसिक तनाव का शिकार हो चुके हैं।
• कुछ ने नौकरी छोड़ दी लेकिन वेतन नहीं मिला।
• बाकियों को डर है – इसलिए वे चुप हैं।



✊ अब वक्त है आवाज़ उठाने का!

🗣️ “Cyfuture जैसी कंपनियों में हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाना ज़रूरी है!”

➡️ अगर आप इस कंपनी में काम कर चुके हैं या कोई जानने वाला वहां काम कर रहा है – इस जानकारी को ज़रूर शेयर करें।
➡️ श्रम विभाग, मानवाधिकार आयोग और नवी मुंबई पुलिस को लिखित शिकायत दें।

📢 हमारी मांग है कि मैनेजमेंट इन अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करे।

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