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आबकारी विभाग एवं पुलिस अधिकारी की दबंगी

नोबिल नवरंग बलौदाबाजार आगजनी कांड की घटना के बाद से अपने गांव में रहकर अपने सामाजिक राजनीतिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता रहा वह पंचायत चुनाव में जनपद पंचायत सदस्य के लिए चुनाव प्रक्रिया में शामिल भी हुआ वह बहुत ही कम अंतर से पराजित हुआ है।
सामाजिक मुद्दों को लेकर वह लगातार जिला पुलिस अधीक्षक मुंगेली एवं जिला कलेक्टर मुंगेली से मुलाकात करता रहा है फिर भी पता नहीं क्यों बलौदाबाजार की पुलिस 1 साल बाद तक उसे नहीं पकड़ पाई थी
और आज उसे गिरफ्तार करते हुए बता रही है कि वह 1 साल से फरार था लगातार अपनी ठिकाना बदल रहा था पुलिस टीम द्वारा उनकी गतिविधियों पर नजर रखी गई थी तब जाकर उनकी गिरफ्तारी हुई है।
अभी विगत दिनों ग्राम खैरी थाना पलारी जिला बलौदाबाजार में पुलिस और आबकारी की टीम के द्वारा छापामार कार्रवाई की गई
उक्त कार्रवाई में 35 वर्षीय उमेंद्र बघेल नामक व्यक्ति को पकड़कर पुलिस और आबकारी टीम के द्वारा जेल भेज दिया गया परिजनों को दी गई जानकारी के अनुसार जहां वह बीमार अवस्था में अस्पताल में दाखिल हुआ जहां उसकी मृत्यु हो गई उसी दिन संतराम डहरिया एवं तीन अन्य व्यक्ति को भी ग्राम खैरी से पुलिस एवं आबकारी टीम के द्वारा पकड़ा गया संतराम के पिताजी बता रहे थे कि संतराम डहरिया को पुलिस एवं आबकारी टीम के द्वारा बेदम पिटाई की गई संतराम डहरिया पुलिस की गाड़ी में बैठते वक्त जमीन पर गिर गया ऐसी अवस्था में उन्हें ग्राम खैरी से लेकर पलारी थाना फिर जेल लेकर गए।
उमेंद्र बघेल की मृत्यु के पश्चात पोस्टमार्टम करने के उपरांत लाश को परिजनों पर दबाव बनाकर सौंप दी गई तब परिजनों के द्वारा पॉलिथीन से लिपटी हुई लाश को खोलकर देखा गया तब उसके शरीर के अनेक जगहों पर गंभीर चोट के निशान दिखाई दिए उक्त चोटों की मोबाइल से फोटो खींची गई वीडियो बनाई गई है।
उक्त फोटो एवं वीडियो को देखने के बाद ऐसा लगता है कि उमेंद्र बघेल की मृत्यु प्राकृतिक मृत्यु नहीं है बल्कि उनके साथ पुलिस एवं आबकारी टीम या फिर जेल की भीतर मारपीट जैसी कुछ अनहोनी अप्रिय घटना घटित हुई है जिससे उनकी संदेहास्पद मृत्यु हुई है।
उक्त घटना के सोशल मीडिया में वायरल हो जाने के बाद मृतक के शरीर को दफनाने की प्रक्रिया पूर्ण करवाने में पुलिस एवं तहसीलदार के द्वारा आनन फानन कार्यवाही की गई जिससे आशंका व्यक्त की जा सकती है कि कहीं कुछ तो गड़बड़ है उक्त घटना के तुरंत बाद बलौदाबाजार आगजनी कांड में एक साल से फरार चल रहे सुशील जांगड़े, रेमन अनंत एवं नोबिल नवरंग की गिरफ्तारी से मेरे मन में आशंका है कि समाज में भय का माहौल पैदा करने के लिए बलौदाबाजार की घटना के नाम पर आनन फानन में गिरफ्तारी की जा रही है ताकि खैरी गांव के मृतक उमेंद्र बघेल के पक्ष में समाज के लोग उद्वेलित होकर न्याय के खातिर आंदोलन करने का हिम्मत न जुटा पाएं।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार सतनामियों के साथ जातीय द्वेष के साथ कार्रवाई कर रही है ज्ञात हो की कबीरधाम जिला के लोहारीडीह कांड में एसआईटी गठित कर जेल में बंद साहू समाज के लोगों को न्यायिक उन्मोचन की कार्रवाई उपरांत जेल से बाहर निकालने में मदद की गई जबकि न्याय के लिए आंदोलन के उपरांत हिंसा में तब्दील हुई बलौदाबाजार की घटना में सतनामी समाज के लोगों को चुन-चुन कर जेल में डालने की प्रक्रिया एक साल बाद भी जारी है - Sanjeet Burman

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