
ऑनलाइन आयोजित हुई महिला काव्य मंच (मन से मंच तक) मेरठ इकाई की मासिक गोष्ठी
मेरठ - महिला काव्य मंच (मन से मंच तक) मेरठ इकाई की जून माह की मासिक गोष्ठी 20 जून दिन शुक्रवार समय 3:00 बजे ऑनलाइन आयोजित की गई ! इसकी अध्यक्षता सरोज दूबे' ने की।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवियत्री श्रीमती रेखा गिरीश रहीं। सरस्वती वंदना डॉ चुन्नी रस्तोगी ने की! सभी की कविताएं सुंदर भाव से भरी हुई थी। किसी ने योग पर तो किसी ने प्रेम पर गीत, गजल और मुक्तको से समां बांधा।
मुख्य अतिथि
रेखा गिरीश ने पढ़ा-
बचपन से करते रहें ,
बन जाएगी बात।
योग करें आरोग्य दे ,
यौवन की सौगात।
उपाध्यक्ष ज्योतिषाचार्य आशा त्यागी ने यूं सुनाया-
जहाँ दिल से इबादत हो रही है।
वहीं पर घर में बरकत हो रही है।
बिना माँगे मिला मुझको बहुत कुछ,
नसीबों से,,,,,,इनायत हो रही है।
सचिन नन्दिनी रस्तोगी 'नेहा' ने -
तेरे साथ मेरी जिंदगी कुछ ऐसे बीत रही है
जैसे सर्दियों में गुनगुनी धूप सुहानी लग रही है।
अध्यक्ष सरोज दूबे ने अपने भाव ऐसे प्रकट किए-
ये कातिल अदाओं पर भारी पड़ी हैं।
आज अपनी सीमा में नारी खड़ी है ।
प्रेम सारे जगत से इन्होने किया है ।
पर परिधि में बंधी संस्कारी बड़ी हैं।
डॉ चुन्नी रस्तोगी-
बात करनी है मुझे धरती गगन से
मौन है संवाद, सुनना तुम लगन से
नीलम कुमार-
छोटी सी चिरैया मैं, अँगना के बाबुल की ,
फुदकती फिरूँ इस देहरी, तो कभी उस देहरी।
शालिनी शर्मा ने कहा-
कितनी छोटी सी ये जिंदगी है, थोड़े ग़म है तो खुशियां भी हैं।
मुख्य अतिथि ने सभी की कविताओं को सराहा और शुभकामनाएं दी। इनके अतिरिक्त राजकुमारी त्यागी, राजबाला कपिल, अलका गुप्ताआदि सभी का काव्य पाठ सराहनीय रहा।
अध्यक्षा सरोज दूबे ने सभी का धन्यवाद और आभार व्यक्त किया! आज की गोष्ठी बहुत ही सफलतापूर्वक संपन्न हुई !