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बिजली की आंख-मिचौली से आमजन परेशान, कब मिलेगा स्थायी समाधान?

रिपोर्टर :शत्रू आतला


यहा एटापली तालुका अंतर्गत आने वाली, जारावंडी क्षेत्र मे
पिछले कई दिनों से क्षेत्र में बिजली की लगातार आंख-मिचौली से आम जनता त्रस्त हो चुकी है। दिनभर में कई-कई बार बिजली का आना-जाना अब आम बात हो गई है, जिससे नागरिकों में गहरी नाराजगी और हताशा का माहौल है।
ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी इलाकों में भी बिजली की यह समस्या गंभीर रूप ले रही है। सबसे अधिक प्रभावित वे घर हैं, जहाँ बुजुर्ग और बीमार लोग रह रहे हैं। इन घरों में पंखा तक चलाना मुश्किल हो गया है, और चिकित्सा उपकरणों पर निर्भर लोग परेशान हैं। सवाल यह उठता है कि क्या इस क्षेत्र का कोई वाली है? कोई जवाबदेही लेने को तैयार है क्या?
इस समय खेती का सीजन चल रहा है, किसान अपने खेतों में सिंचाई के लिए विद्युत पंपों पर निर्भर हैं, लेकिन बिजली की अनुपलब्धता के चलते न तो खेतों की बुवाई हो पा रही है, न ही कृषि यंत्रों की मरम्मत। इसका सीधा असर खेती के उत्पादन पर पड़ सकता है।
दूसरी तरफ, शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो चुकी है। छात्र ऑनलाइन कक्षाओं और पढ़ाई के लिए बिजली पर निर्भर हैं, लेकिन वे भी परेशान हो रहे हैं। छोटे-बड़े व्यापारी जिनके व्यवसाय पूरी तरह बिजली पर आधारित हैं, वे भी इस असमर्थता से जूझ रहे हैं। कई दुकानें और यूनिट्स बंद हो गई हैं, जिससे व्यापारियों के सामने रोज़मर्रा की जरूरतें पूरी करना भी मुश्किल हो रहा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि वे कई बार संबंधित बिजली विभाग को शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
जनता की मांग है कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाए और नियमित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। वरना आने वाले दिनों में आंदोलन और विरोध की चेतावनी भी दी जा रही है।
🔌 जारावंडी क्षेत्र में बिजली की भारी किल्लत, जनता त्राहिमाम — जिम्मेदार चुप!
जारावंडी क्षेत्र के नागरिक इन दिनों गंभीर बिजली संकट से गुजर रहे हैं। पिछले कई हफ्तों से यहाँ बिजली की आपूर्ति अनियमित बनी हुई है। कभी दिन में तो कभी रात को घंटों तक बिजली गुल हो जाती है, जिससे आम जनता का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
🧓👵 बुजुर्ग और बीमारों के लिए मुश्किलें
इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में वयोवृद्ध और बीमार नागरिक निवास करते हैं, जो घर में ही जीवन रक्षक उपकरणों या कूलिंग साधनों पर निर्भर हैं। बिजली नहीं होने के कारण उनकी हालत और खराब हो रही है। यह स्थिति प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है।
🌾 किसान संकट में
वर्तमान में खरीफ सीजन शुरू हो चुका है। किसानों को खेतों में बुआई और सिंचाई के लिए पंप और अन्य कृषि यंत्रों की आवश्यकता होती है। लेकिन बिजली के अभाव में न तो सिंचाई हो पा रही है और न ही उपकरणों की मरम्मत। किसानों की मेहनत और फसल दोनों खतरे में पड़ रही है।
📚 शिक्षा और व्यवसाय पर असर
शिक्षण सत्र शुरू होते ही छात्र ऑनलाइन शिक्षा या कंप्यूटर आधारित पढ़ाई से जुड़ना चाहते हैं। लेकिन बिजली की बार-बार कटौती से उनका भविष्य अधर में लटका दिख रहा है।
वहीं दूसरी ओर, छोटे दुकानदार, वेल्डिंग, प्रिंटिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे बिजली पर निर्भर व्यवसाय लगभग बंद हो चुके हैं। व्यापारी वर्ग रोजी-रोटी के संकट में आ चुका है।
🗣️ जनता का सवाल – "आखिर हम कब तक सहें?"
जारावंडी के नागरिकों का कहना है कि उन्होंने कई बार बिजली विभाग को लिखित और मौखिक शिकायतें दी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। कहीं ट्रांसफॉर्मर खराब है, तो कहीं लाइनों की मरम्मत अधूरी पड़ी है। लेकिन इसका खामियाज़ा नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है।
⚠️ प्रशासन से अपील
अब सवाल यह है कि क्या जारावंडी क्षेत्र की कोई सुनवाई होगी? क्या प्रशासन जागेगा और स्थायी समाधान निकालेगा? यदि जल्द ही सुधार नहीं हुआ तो क्षेत्रीय नागरिकों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।

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1 comment  
  • Shatru Dalasu Aatla

    🙏🏿👍🏿