सड़क चिरचारी में सूचना पटल से दबकर 5 साल के बच्चे की हुई मौत
पूर्व सरपंच की लापरवाही से गई बच्चे की जान?निर्माण कार्य में बरती गई लापरवाही का नतीजा।छुरिया- ग्राम सड़क चिरचारी में आज सुबह लगभग 11 बजें 5 साल के एक बच्चे की सूचना पटल के गिरने से दबकर मौत हो गई । मौके पर मुआईना करने से पता चलता है कि इस ईंट से बने सूचना पटल के निर्माण में बरती गई लापरवाही का नतीजा है। जैस कि मिली जानकारी के अनुसार रविवार सुबह सड़क चिरचारी के धान खरीदी केन्द्र की दीवाल र्में इंट से चिपका कर बनाये गये सूचना पटल के गिरने से युवांश निषाद पिता नरेन्द्र निषाद नाम के 5 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। यह सूचना पटल ग्राम के पूर्व सरपंच के कार्य एजेंसी 15 वें वित्त से हैंडपंप खनन की सूचना के 15 दिन पहले ही बनाया गया था और रविवार को वह सूचना पटल पूरा का पूरा नीचे गिर गया और बच्चे की मौत का कारण बन गया।अस्पताल बंद होना भी मौत का कारण - परिजनों ने बताया कि बच्चे को तुरंत अपने निजी वाहन से चारभांठा के अस्पताल में ले जाया गया, रविवार होने के कारण अस्पताल बंद था जिसके कारण वहां सीधा राजनांदगांव ले जाना पड़ा इधर उधर की भागदौड़ के कारण शायद बच्चे को मौत होने से नहीं बचाया जा सका यदि चारभांठा का अस्पता खुला होता तो शायद प्राथमिक उपचार होने से एक बार बच्चे की मौत नहीं होती। यहां रविवार को अस्पताल बंद होने का कारण समझ में नहीं आया जबकि अस्पताल तो 24 घंटे सेवा में उपलब्ध रहता है।भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया सूचना पटल का निर्माण कार्य - जैसा कि वर्तमान सरपंच ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह देखने से पता चलता है कि इस सूचना पटल के निर्माण कार्य में भारी बरती गई लापरवाही और अनियमितता का परिणाम है क्योंकि इस सूचना पटल को बनाने वाली कार्य एजेंसी द्वारा निर्माण कार्य सही नहीं कराया गया चूंकि इस सूचना पटल को बने हुये अभी 15 दिन ही हुये थे और इस सूचना पटल को पहले से बनी हुई दीवाल में ईंट से चिपका कर बनाया गया था जो सूचना पटल रविवार को पूरा का पूरा नीचे गिर गया और उस सूचना पटल के नीचे आकर 5 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। यह पूरा मामला जांच का विषय है कि इस सूचना पटल को बनाने वाली कार्य एजेंसी, इसको देखने वाले इंजीनियर और इसकी पूर्णता प्रदान करने वाले अधिकारी कर्मचारियों द्वारा बरती गई असावधानी या लापरवाही कैसे हो गई और इतना बड़ा हादसा हो गया। अस्पताल का रविवार को बंद होना और इस सूचना पटल को बनाने वाली कार्य एजेंसी, इसको देखने वाले इंजीनियर और इसकी पूर्णता प्रदान करने वाले अधिकारी कर्मचारियों की पूरी जांच होनी चाहिये और अपने बच्चे को असमय गंवाने वाले परिवार को मुआवजा मिलना चाहिये।