logo

दूसरे ख़लीफा: सैय्यदना उमर रदीअल्लाहअनहु

दूसरे ख़लीफा: सैय्यदना उमर रदीअल्लाहअनहु

सैय्यदना उमर फारूक़ बिन ख़त्ताब (रदीअल्लाहअनहु) को अबू हफ्स के नाम से भी जाना जाता था और उनका लक़ब फारूक़ था। उनके वालिद का नाम ख़त्ताब और वालिदा का नाम ख़तमॉ था। उनका पैदाइश 584 सीई में मक्का मुकर्रमा में हुई थी ।

सैय्यदना उमर र.आ का वंश उमर इब्न अल-ख़त्ताब इब्न नुफैल इब्न अब्दुल फरी इब्न रबाह इब्न अब्दुल्ला इब्न क़ुर्रत इब्न रज़ाह इब्न उदय इब्न काब इब्न लुवे इब्न फहर इब्न मसालिक था। उनकी आठवीं पीढ़ी प्यारे पैगंबर ﷺ के वंश से जाके जुड़ती है।

सैय्यदना उमर र.आ धुल हिज्जा के 27 तरीक़ को जब फज्र की नमाज़ पढ़ा रहे थे तब एक पारसी ग़ुलाम जिसको अबु लूलू फिराउज़ माजुज़ी के नाम से जाना जाता था ने उन्हें तीन बार चाकू मार के और अन्य इबादत करने वालों को घायल कर दिया, और फिर आत्महत्या कर ली। सैय्यदना उमर र.आ के घावों की गंभीरता के कारण, पहली मुहर्रम को ( 24 एएच ) (644 सीई) को आप शहादत फरमा गए।

हज़रत अबू सईद अल-ख़ुदरी र.आ फरमाते है कि प्यारे पैग़म्बर ‎ﷺ ने फरमाया कि पहले के नबियों के दौर में, एक दिव्य प्रेरित व्यक्ति थे जो फरिश्तों से बात कर सकते थे। प्यारे पैग़म्बर ﷺ ने फरमाया के अगर उनके दौर में कोई दिव्य व्यक्ति होता, तो वह सैय्यदना उमर र.आ होते ।

प्यारे पैगंबर ‎ﷺ ने फरमाया कि अल्लाह सुभानहू वा ताअला ने सैय्यदीना उमर र.आ के भीतर सच्चाई रखी है और अगर उनके बाद कोई नबी होता, तो वह सैय्यदना उमर र.आ होते। प्यारे पैगंबर ‎ﷺ ने यह भी फरमाया कि शैतान भी सैय्यदना उमर र.आ से डरता है।

सैय्यदीना उमर र.आ 10 साल और छह महीने के लिए ख़लीफा रहे। उनके शासन ने 280,000 मील, 32,000 क्षेत्रों के क्षेत्र को कवर किया। उन्होंने 900 बड़ी मस्जिदें और 4,000 साधारण मस्जिदें बनाईं। उन्होंने दो बड़े साम्राज्यों, सीज़र और क़सर के शासन को भी समाप्त कर दिया। यह कहा गया है कि यदि सैय्यदना उमर र.आ का शासन और 10 साल तक रहता, तो उस समय दुनिया में इस्लाम का और भी अधिक प्रभाव होता।

हज़रत इमाम अली मुर्तदा (कर्रम अल्लाहु वझाहु) ने फरमाया कि जब आप नेक लोगों का जिक्र करें, तो आपको सैय्यदना उमर र.आ का नाम याद रखना चाहिए।

रमज़ान के पवित्र महीने में, खुशी के रंग जो आज प्रकट होते हैं, विशेष रूप से तरावी के समय, सैय्यदना उमर र.आ के समय में और अधिक प्रमुख हो गए
Syed Afzal Ali shah Moududi.
Lucknow.

68
2620 views