
शहर की बेशकीमती शासकीय भूमि पर भू - माफियाओ की नजरें इनायत , नियम - निर्देशों को दरकिनार कर किये जा रहे अवैध व पक्के निर्माण
डिंडोरी -- इन दिनों नगरीय क्षेत्र कि बेशकीमती शासकीय भूमि पर भू - माफियाओं कि नजरें इनायत हैँ, और वह बेखौफ़ हो नियम निर्देशों को धता बताते हुये मुख्यमार्ग के इर्द - गिर्द की शासकीय भूमि पर पक्के निर्माण किये जा रहे है, जिस पर राजस्व व नगर परिषद दोनों ही रोक लगाने मे अब तलक नाकाम रहे हैँ। और यदि बात कार्यवाही कि की जाये तो राजस्व व नगर परिषद दोनों के ही द्वारा अखबारी सुर्खियां बनने पश्चात नोटिस - नोटिस तक की खाना पूर्ती कर कार्यवाही पर ब्रेक लगा दिया जाता है, जिसके चलते ऐसे माफियाओं के हौसले बुलंद हो चले हैँ। और वह शहर की बेशकीमती भूमि पर बगैर किसी शासकीय स्वीकृति के नित नये निर्माण कार्यों को अंजाम दे रहे हैँ। रानी अवन्ति बाई चौक के अलावा आज हम बात करेंगे मंडला बस स्टेण्ड के पास वार्ड क्रमांक -15 मे किये जा रहे निर्माण की, जहाँ व्यक्ति विशेष द्वारा नेट बाँधकर पक्का निर्माण किया जा रहा है, वह भी कोई सौ - दो सौ वर्गफीट नहीं, बल्की लगभग 2500 से 3000 वर्गफीट भूखण्ड पर। सूत्रों की माने तो उक्त निर्माण के लिये नगर परिषद डिंडोरी से किसी भी तरह की कोई स्वीकृति नहीं ली गई है।
क्या कर रहे जिम्मेदार ? -- नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत जितनी भी शासकीय भूमि है, उसके लिये राजस्व ने नजूल शाखा प्रभारी को शहर की जिम्मेदारी सौंप रखी है तो वही नगर परिषद डिंडोरी राजस्व मे वार्ड वार प्रभारी तैनात किये गये है. बावजूद इसके यदि अवैध निर्माण हो रहे है और इतने बड़े पैमाने पर तो यह शोध का विषय है की नगरीय क्षेत्र की बेशकीमती भूमि पर यह अवैध निर्माण इन्हे दिखाई क्यों नहीं देते, क्या..?
लगातार हो रही राजस्व की क्षति -- बता दें की अब नगर परिषद क्षेत्र का विस्तार करते हुये नगर पालिका बनाये जाने की तैयारी अपने पूरे शबाब पर है, और ऐसे मे स्वाभाविक है की शहर स्थित भूमि के दामों मे इजाफा भी तय है। जहाँ आज से चार से पांच वर्ष पूर्व नगर परिषद अपनी स्वनिर्मित 100 से 150 वर्गफ़ीट की दुकानों को नीलामी के माध्यम से 30 से 35 लाख रुपयों मे कुछ वर्षों के अनुबंध करती थी, तो आज की डेट मे वही दुकानों की कीमत कम से कम 40 से 50 लाख तो होगी. जहाँ अवन्ति बाई चौक पर मछली मार्केट के पीछे 260 वर्गफीट पर कब्ज़ा कर पक्की दूकान तैयार की जा रही तो मंडला बस स्टेण्ड पर तो लगभग 2500 से 3000 हजार वर्गफीट का मामला है. जिसका अंदाजा आप सहज़ ही लगा सकते हैँ की जिम्मेदारों द्वारा किस कदर राजस्व वसूली मे लापरवाही बरती जा रही है।
इनका कहना है --
अवैध निर्माण कार्यों की जानकारी आपके माध्यम से हमें प्राप्त हुई है, और हमने तत्काल सम्बंधितों को नोटिस तामील करने की कार्यवाही करते हुये कार्यालय मे तलब किया है, और यदि ऐसे निर्माण किये जा रहे है तो नगर परिषद के नियमों के तहत उचित कार्यवाही की जायेगी।
अमित तिवारी ( मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद डिंडोरी )
नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत अवैध कब्ज़ा और अवैध निर्माण कार्यों की जानकारी प्राप्त हुई है, और परिषद द्वारा प्रत्येक वार्ड मे प्रभारियों की नियुक्ति की जा चुकी है. जिनके माध्यम से सभी वार्डों मे हो रहे निर्माण कार्यों की जानकारी शीघ्र ही ली जायेगी।
रजनीश राय ( पार्षद व पी आई सी मेंबर राजस्व )