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हवा - हवाई हुये अधिकारीयों के दिशा निर्देश , स्टॉपडेम निर्माण मे लगातार जारी है ठेकेदार की मनमानी


डिंडोरी -- इन दिनों ग्रामीण याँत्रकीय सेवा विभाग के अधिकारियों के दिशा - निर्देश ठेकेदारों के लिये मायने नहीं रखते, नतीजतन वह निर्माण कार्यों मे जमकर मनमानी करते हुये घटिया निर्माण कार्यों को अंजाम दे रहे है। और जिम्मेदार अधिकारी भी खामोशी धारण कर इन जबरिया ठेकेदारों को सह दे रहे है, अब इसके पीछे अधिकारीयों की क्या मंशा है यह तो वही बेहतर बता सकते है, जो की कुछ भी बोलने और बताने से गुरेज करते है। बहरहाल यहां हम बात कर रहे है डिंडोरी जनपद की सबसे नजदीकी ग्राम पंचायत देवरा की, जहाँ ग्रामीण याँत्रकीय सेवा विभाग द्वारा कटोरी नाला पर लगभग 51 लाख रुपयों की लागत से घटिया स्टॉपडेम का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, वह भी तकनीकी जानकारों की गैर मौजूदगी मे। यहॉँ तक की मीडिया ने सिलसिलेवार ख़बरों का प्रकाशन भी किया और मामला जिला प्रशासन तक के संज्ञान मे लाया गया, लेकिन सिस्टम के आगे सारे के सारे नतमस्तक नजर आ रहे है, इसका अंदाजा मौक़े पर जाकर बखूबी देखा जा सकता है।

हवा - हवाई हुये अधिकारीयों के दिशा निर्देश --बता दें की अखबारी सुर्खियां बनने के पश्चात मौक़े पर जिम्मेदार अधिकारी भी पहुंचे, लेकिन महज औपचारिकता पूरी कर या तो कार्यालय की शोभा बढ़ा रहे हैँ, या फिर फील्ड का बहाना कर आये दिन कार्यालय से नदारत रहना ही इनकी रोजाना की कार्यशाली मे शामिल है। जबकि अनुविभागीय अधिकारी वंदना मार्को व उपयंत्री ने ठेकेदार को मौक़े से घटिया सामग्री उठाने और सूचना पटल लगाये जाने के मौखिक निर्देश भी दिए थे। लेकिन उनके यह दिशा - निर्देश ठेकेदार के आगे हवा - हवाई साबित हो रहे है।

अब तलक नहीं हुआ मटेरियल का लेब टेस्ट -- कायदे से सारा का सारा निर्माण कार्य तकनीकी जानकार की मौजूदगी मे होना चाहिये, लेकिन उक्त निर्माण मे शासन के नियम कायदे ठेकेदार के आगे मायने नहीं रखते। जहाँ स्टॉपडेम के दोनों छोर की वाल पर बेहद कम मात्रा मे बतौर औपचारिकता 8 एम एम की सरिया फंसा दी गई है, तो वही पुलिया के ऊपर डाले जाने वाले स्लेब मे काफी डिस्टेंस मे 8 एम एम का जाल बिछाकर ढलाई की जा रही है। जबकि प्रकलन के मुताबिक जाल बिछाने का यह अंतर कम से कम 20 सेंटीमीटर का तो होना ही चाहिये, जो की कहीं 40 सेंटीमीटर है तो कहीं 50 से 60 सेंटीमीटर तक रखा गया है। और जब हमने कार्यपालन यंत्री ग्रामीण याँत्रकीय सेवा विभाग की गैर मौजूदगी मे अनुविभागीय अधिकारी से मामले को लेकर जानकारी साझा की तो उनका कहना था की मटेरियल टेस्ट नहीं हुआ है। जबकि तमाम जानकारी संज्ञान मे आने के बाद जिम्मेदार अधिकारीयों को स्वयं मौक़े से कंक्रीट का क्यूब तैयार कर लेब मे लाना था। जो की नहीं लाया गया। और ठेकेदार इसी बात का जमकर फायदा उठा रहा है।

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