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जालौन विकासखंड के भ्रष्टाचारी आला अधिकारियों पर कोई लगाम नही सरकार की अलग-अलग ग्राम पंचायत, अलग-अलग काम लेकिन फोटो एक

0 जालौन क्षेत्र की ग्राम पंचायत मोहनपुर कुदारी, प्रतापपुर और सारंगपुर के मनरेगा कर्मचारियों का खेल
जिले में एक बड़ा ही चौका देने वाला मामला प्रकाश में आया है। जहां 3 ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत हुए कार्यों की फर्जी उपस्थिति लगाकर सरकारी धन को लूटने का कार्य ब्लॉक में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा किया जा रहा है। अब ऐसे प्रकरण को आप विकासखंड के आला अधिकारियों का करिश्मा कहें य भ्रष्टाचारियों का सक्रिय सिंडिकेट, जिसके चलते गरीबों के हक पर डाका डाला जा रहा है।
मामला विकास खंड जालौन के ग्राम पंचायत मोहनपुर कुदारी, प्रतापपुरा, और सारंगपुर का है। जहां विगत 9 मई 2025 में, ग्राम पंचायत सारंगपुर में जलरोक बांध जो कि पक्की सड़क से मुन्नी साहू के खेत तक, मस्टर रोल संख्या 1546 में ग्राम पंचायत कर्मचारी मुकुल मुद्ग़ल द्वारा एनएमएमएस पर अपलोड श्रमिकों की फोटो, उसी दिन ग्राम पंचायत प्रतापपुरा में मलखान के खेत से परमोले के खेत तक मस्टर रोल संख्या 1328 में मेट अनीता के द्वारा एनएमएमएस पर श्रमिकों की अपलोड फोटो, और ग्राम पंचायत मोहनपुर कुदारी में, जलरोक बांध जो राम सहाय के खेत से इंद्दू खान के खेत तक, जिसके मस्टर रोल संख्या 992 में ग्राम पंचायत लेवल कार्यकत्री शिवांगी शर्मा के द्वारा एनएमएमएस पर अपलोड श्रमिकों की फोटो का अध्ययन करेंगे तो पाएंगे कि वही श्रमिक तीनों ग्राम पंचायतों में एक ही समय पर अलग-अलग कार्य स्थल पर कार्य करते हुए दिखेंगे।
तीन अलग-अलग ग्राम पंचायतों में अलग-अलग कार्य स्थल पर अलग- अलग कर्मचारियों के द्वारा जॉब कार्ड धारकों की एक ही फोटो कैसे एनएमएमएस पर अपलोड हो सकती है यह बड़ा सवाल है। क्या ये भ्रष्टाचार का खेल ब्लॉक कार्यालय में खेला जा रहा है। जहां पर पूर्व के कार्यों की ली गई फोटो को अपने गुर्गों के द्वारा कार्य स्थल पर भेजकर पुरानी फोटो को ही अपलोड कर श्रमिकों की फर्जी उपस्थिति लगा कर सरकारी धन को हड़पने का काम किया जा रहा है। ताज्जुब तो इस बात का है कि अख़बारों और सोशल मीडिया पर लगातार मनरेगा में भ्रष्टाचार की खबरें प्रकाशित होने के बाद भी भ्रष्ट कर्मचारियों व अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं हो रही है। जिसके चलते उनके हौसले बुलंद हैं।

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