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नाई समाज की एकता और अधिकारों के लिए शिवहर में भव्य सम्मेलन

*नाई समाज की एकता और अधिकारों के लिए शिवहर में भव्य सम्मेलन*
*अनुसूचित जाति का दर्जा और केश कला बोर्ड में प्रतिनिधित्व की उठी मांग*

*संवाददाता राजीव कुमार*

शिवहर जिले के अटकोनी विवाह भवन में 26 जून को राष्ट्रीय नाई महासभा द्वारा एक भव्य जिला स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस गरिमामयी आयोजन का उद्घाटन बिहार सरकार के कला-संस्कृति एवं युवा विभाग *मंत्री श्री मोतीलाल प्रसाद* ने किया। उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए आश्वासन दिया कि नाई समाज की मांगें केवल जिला स्तर पर ही नहीं, बल्कि राज्य व केंद्र सरकार तक प्रभावशाली रूप से रखी जाएंगी।

श्री मोतीलाल प्रसाद ने स्पष्ट किया, "नाई समाज को उसका वाजिब हक मिलना चाहिए। आने वाले विधानसभा व लोकसभा चुनावों में समाज की भागीदारी को निश्चित किया जाएगा, ताकि सामाजिक न्याय की लड़ाई को राजनीतिक स्वर भी मिल सके।"

मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता श्री आज़ाद गांधी, जो कि राष्ट्रीय नाई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, ने अपने विचारों में समाज को संगठित होकर लोकतांत्रिक मार्ग से अधिकारों की लड़ाई जारी रखने का आह्वान किया। सम्मेलन की अध्यक्षता राष्ट्रीय नाई महासभा, शिवहर के जिला अध्यक्ष श्री जोगेंद्र ठाकुर ने की।

सम्मेलन की प्रमुख मांगें:

नाई समाज को अनुसूचित जाति का दर्जा प्रदान किया जाए।

केश कला बोर्ड में समाज को प्रतिनिधित्व मिले।


सम्मेलन में मौजूद प्रमुख गणमान्य जनप्रतिनिधि: श्री बच्चा राय, श्री प्रिंस राज, नूतन पटेल, शिवपूजन सहाय, सौरभ सिंह, तथा भाजपा जिला अध्यक्ष श्री नीरज सिंह, जिनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को गौरव प्रदान किया।

सम्मेलन के लोकप्रिय नारों ने उत्साह को दिया नया आयाम:

“नाई एकता ज़िंदाबाद!”

“जननायक कर्पूरी ठाकुर अमर रहें!”

“श्री मोतीलाल प्रसाद ज़िंदाबाद!”

“आजाद गांधी ज़िंदाबाद!”

“लोकगायक भिखारी ठाकुर अमर रहें!”


इस अवसर पर भारत ठाकुर, शक्ति ठाकुर, कमल ठाकुर, दीपक ठाकुर, चंदन ठाकुर, लाल साहब ठाकुर, राम प्रताप ठाकुर, हरीकिशोर ठाकुर, जयराम ठाकुर, सुरेश ठाकुर सहित अनेक समाजसेवी व पदाधिकारी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

सम्मेलन का संदेश था साफ: नाई समाज अब हाशिए पर नहीं, मुख्यधारा की राजनीति और समाज में समान अधिकारों की मांग को लेकर खड़ा है। यह सम्मेलन सामाजिक न्याय, गरिमा और समरसता की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम साबित हुआ।

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