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Jay ghosh Purnea bihar

पूर्णिया 27.06.2025,
प्रेस विज्ञप्ति :-358,

भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली द्वारा पूर्णिया , कोशी एवं दरभंगा प्रमंडल के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी एवं सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियो का विशेष गहन पुनरीक्षण2025 के निमित्त आज पूर्णिया समाहरणालय स्थित महानंदा सभागार में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भारत निर्वाचन आयोग के उप निर्वाचन आयुक्त श्री संजय कुमार, भारत निर्वाचन आयोग के उप सचिव के द्वारा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा गहन पुनरीक्षण 2025 के लिए जारी किए गए गाइडलाइन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।

इस अवसर पर पूर्णिया एवं कोशी प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त श्री राजेश कुमार भा०प्र०से०, दरभंगा प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त श्री कौशल किशोर सहित तीनों प्रमंडल के सभी जिलों के जिला पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुरुआत में जिला पदाधिकारी पूर्णिया श्री अंशुल कुमार भा०प्र०से० के द्वारा सभी पदाधिकारियों का स्वागत किया गया तथा उप चुनाव आयुक्त भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली को प्रतीक चिन्ह तथा अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

भारत निर्वाचन आयोग के उप निर्वाचन आयुक्त के द्वारा बताया गया कि भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) कराए जाने के निर्देश जारी किए हैं। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उक्त कार्यक्रम देश के सभी राज्यों में किया जाना निर्धारित किया गया है।

यह पुनरीक्षण आयोग द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों और समय-सारणी के अनुसार आयोजित किया जाएगा।

इस गहन पुनरीक्षण 2025 का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची (Electoral Roll) में सम्मिलित हों ताकि वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें, कोई भी योग्य नागरिक का मतदाता सूची में नाम छुटे और अयोग्य व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में शामिल न हो और मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो।

उल्लेखनीय है कि बिहार में पिछला गहन पुनरीक्षण वर्ष 2003 में किया गया था। वर्तमान में तेजी से हो रहा शहरीकरण, लगातार होने वाला प्रवासन, नए युवाओं का 18 वर्ष की आयु पूरी कर मतदाता बनने की पात्रता प्राप्त करना, मृत्यु की जानकारी का समय पर न मिलना तथा एक ही व्यक्ति का नाम दो जगहों पर मतदाता सूची में दर्ज हो जाना जैसी स्थितियों के कारण यह गहन पुनरीक्षण आवश्यक हो गया है ताकि त्रुटिरहित और विश्वसनीय मतदाता सूची तैयार की जा सके।

इस प्रक्रिया के तहत मतदान केंद्र पदाधिकारी (BLO) घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे। पुनरीक्षण के दौरान भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 तथा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 16 में उल्लिखित मतदाता के रूप में पंजीकरण की पात्रता और अयोग्यता संबंधी प्रावधानों का पूरी तरह से पालन करेगा।

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23 के अंतर्गत निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) द्वारा अब तक अपने स्तर पर पात्रता की जाँच की जाती रही है। अब तकनीक के विकास को देखते हुए, इस प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए यह आवश्यक किया गया है कि ERO द्वारा संतुष्टि के आधार पर प्राप्त दस्तावेजों को ECINET पोर्टल पर अपलोड किया जाए।

हालांकि, इन दस्तावेजों की गोपनीयता सुनिश्चित करते हुए इन्हें केवल अधिकृत निर्वाचन अधिकारियों द्वारा ही देखा जा सकेगा।

यदि किसी राजनीतिक दल अथवा मतदाता द्वारा कोई दावा या आपत्ति दर्ज की जाती है. तो सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (AERO) संबंधित मामले की जाँच करेंगे और उसके बाद ही ERO अपना निर्णय लेंगे।

इसके अतिरिक्त, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24 के तहत ERO के आदेश के विरुद्ध जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी (District Magistrate) तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (Chief Electoral Officer) के समक्ष अपील दायर की जा सकती है।

आयोग ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO), जिला निर्वाचन पदाधिकारी (DEO), निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) एवं बूथ स्तर अधिकारी (BLO) को यह निर्देशित किया है कि यह
सुनिश्चित करें कि वास्तविक मतदाताओं, विशेष रूप से वृद्ध, बीमार, दिव्यांगजन (PWD), गरीब तथा अन्य वंचित वर्गों को किसी प्रकार की परेशानी न हो और उन्हें हर संभव सुविधा प्रदान की जाए। इसके लिए आवश्यकता पड़ने पर स्वयंसेवकों की तैनाती भी की जा सकती है।

भारत निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करने हेतु हरसंभव प्रयास करेगा कि पुनरीक्षण प्रक्रिया सुगमता से संपन्न हो और मतदाताओं को कम से कम असुविधा हो। साथ ही, आयोग सभी राजनीतिक दलों से अपील करेगा कि वे प्रत्येक मतदान केंद्र पर अपने बूथ लेवल एजेंट्स (BLAs) की नियुक्ति करें। BLAs की सक्रिय भागीदारी से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि यदि कोई विसंगतियाँ या त्रुटियां हों, तो उनका समाधान तैयारी के प्रारंभिक चरण में ही कर लिया जाए, जिससे दावे, आपत्तियों और अपीलों की संख्या में कमी लाई जा सके।

यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि मतदाता और राजनीतिक दल, दोनों ही किसी भी निर्वाचन प्रक्रिया के सबसे महत्वपूर्ण भागीदार होते हैं। केवल उनकी पूर्ण भागीदारी से ही इस प्रकार की महत्वपूर्ण और व्यापक प्रक्रिया को सफलता एवं सुचारु रूप से संपन्न किया जा सकता है।
विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (Special Intensive Revision SIR) से संबंधित महत्वपूर्ण निर्देश (जन सामान्य की जानकारी हेतु) क्रमशः

1. घर-घर गणना (House to House Enumeration) से संबंधित प्रक्रियाः

बी०एल०ओ० प्रत्येक घर जाकर पहले से भरे हुए एन्यूमरेशन फॉर्म (दो प्रतियों में) वितरित करेंगे और उन्हें भरने में मतदाताओं का मार्गदर्शन करेंगे।

बी०एल०ओ० कम से कम तीन बार दोबारा जाकर फॉर्म संग्रह करने का प्रयास करेंगे।

इच्छुक मतदाता प्री-फिल्ड एन्यूमरेशन फॉर्म को ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं तथा भरा हुआ फॉर्म और दस्तावेज भी ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं।

हर मतदाता को यह फॉर्म आवश्यक जानकारी एवं स्वप्रमाणित दस्तावेजों के साथ भरकर बी०एल०ओ० को देना होगा।

बी०एल०ओ० द्वारा फॉर्म जमा करने के बाद, एक प्रति अपने पास रखी जाएगी और दूसरी प्रति पर स्वीकृति की रसीद देकर वह मतदाता को लौटा दी जाएगी।

ऑनलाइन फॉर्म भरने वालों के दस्तावेजों का सत्यापन भी घर पर होगा। यदि किसी मतदाता ने ऑनलाइन माध्यम से फॉर्म और दस्तावेज अपलोड किए हैं, तो बीएलओ उनके घर जाकर दस्तावेजों का सत्यापन करेंगे।

बी०एल०ओ० द्वारा प्राप्त फॉर्म और संलग्न दस्तावेज BLO/ECINet मोबाइल ऐप के माध्यम से अपलोड किए जाएंगे और फिर संबंधित ईआरओ/एईआरओ को रिकॉर्ड हेतु जमा किए जाएंगे।

2. प्रारूप निर्वाचक नामावली (Draft Roll) का प्रकाशनः

प्रारूप मतदाता सूची में उन्हीं मतदाताओं के नाम शामिल किए जाएंगे जिन्होंने हाउस-टू-हाउस सर्वे के दौरान फॉर्म जमा किए हैं या जिन्होंने फॉर्म ऑनलाइन जमा करवा दिए हैं और जिन्हें बीएलओ द्वारा सत्यापित किया गया है।

जिन मतदाताओं ने समय पर फॉर्म नहीं जमा किया, उनके नाम प्रारूप सूची में शामिल नहीं किए जाएंगे।

3. फॉर्म समय पर जमा न करने वाले मतदाताओं के लिए विकल्पः

यदि कोई मतदाता समय पर एन्यूमरेशन फॉर्म जमा नहीं कर पाता है, तो वह दावा-आपत्ति अवधि के दौरान फॉर्म-6 और घोषणा पत्र (Annexure D) के साथ नाम जोड़ने हेतु आवेदन कर सकते हैं।

4. अन्य महत्वपूर्ण बिंदु:-

न्यायपालिका के सदस्य, जनप्रतिनिधि, घोषित पद धारक, और कला, संस्कृति, पत्रकारिता, खेल व लोक सेवा क्षेत्र के प्रमुख व्यक्तियों के नाम प्रारूप मतदाता सूची में सम्मिलित किए जाएंगे, ताकि आवश्यक दस्तावेज दावा-आपत्ति के दौरान लिए जा सकें।

प्रारूप प्रकाशन की सूचना (Form-5) के साथ ही अगले अहर्ता तिथि के लिए (1 अक्टूबर, 2025) अग्रिम आवेदन भी आमंत्रित किए जाएंगे।
5. दावा-आपत्ति अवधि में पात्रता का गंभीर परीक्षण होगाः

प्रारूप सूची के प्रकाशन के बाद, सभी प्रस्तावित मतदाताओं की पात्रता की जांच अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 16 व 19 के आधार पर की जाएगी।

यदि ई०आर०ओ०/ए०ई०आर०ओ० को किसी मतदाता की पात्रता पर संदेह होता है (प्रमाणपत्र की अनुपलब्धता आदि के कारण), तो स्वतः संज्ञान लेकर जांच शुरू की जाएगी और संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी किया जाएगा।

6. अपील की व्यवस्था उपलब्धः:----

यदि ERO/AERO ने जाँच कर यह पाया कि प्रारूप सूची में शामिल कोई नाम मतदाता बनने के योग्य नहीं है, तो वह नाम अंतिम मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।

यदि कोई व्यक्ति ERO द्वारा नाम हटाए जाने के निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24 (क) के तहत निर्वाचक पंजीकरण अधिनियम, 1960 के नियम 27 के अंतर्गत जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रथम अपील कर सकते हैं।

यदि जिला मजिस्ट्रेट द्वारा किए गए निर्णय से कोई मतदाता असहमत होता है, तो वह द्वितीय अपील मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) के समक्ष कर सकता है। यह प्रक्रिया निर्वाचक नियमावली, 1960 के नियम 27 के तहत निर्धारित है।

7. निगरानी और जाँचः:---

प्रत्येक BLO सुपरवाइजर अपने अधीनस्थ 10 BLO में से प्रत्येक के 10% कार्य का सत्यापन करेंगे।

ERO नियमित रूप से AERO, BLO सुपरवाइजर और BLO के साथ समीक्षा बैठकें आयोजित करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित हो कि कार्य सतही न हो और लापरवाह पदाधिकारियों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई की जाए।

रोल ऑब्जर्वर द्वारा 250 फॉर्म (100 नाम जोड़ने, 100 हटाने, 50 सुधार) की सुपर चेकिंग की जाएगी, जिसमें से कम से कम 50 फॉर्म का फील्ड वेरिफिकेशन अनिवार्य है।

8 बी०एल०ओ० एवं पदाधिकारियों का प्रशिक्षणः:--

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण के आलोक में नई 11 सुविधाओं, मॉड्यूल्स और ऑनलाइन फॉर्म प्रक्रिया की जानकारी हेतु सभी पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। बी०एल०ओ०, ई०आर०ओ०, ए०ई०आर०ओ० सहित संबंधित अधिकारियों को नवीनतम तकनीकी प्रणालियों का प्रशिक्षण सभी विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक कार्यों से जुड़े प्रत्येक पदाधिकारी एवं कर्मी को दिया जायेगा ताकि निर्वाचन कार्यों का ससमय सटीक संपादन किया जा सके।

9. मतदान केंद्र स्थान में बदलाव की प्रक्रिया सख्त होगीः

किसी भी मतदान केंद्र के स्थान में परिवर्तन का प्रस्ताव तभी भेजा जाएगा जब उस स्थान की 100% भौतिक जाँच पूरी हो जाए और उसका लैटिट्यूड व लॉन्गिट्यूड (अक्षांश और देशांतर) रिकॉर्ड किया जा चुका हो। सभी नए व बदले गए मतदान केंद्रों की जानकारी ECINET डैशबोर्ड पर अपडेट की जाएगी।
8. बी०एल०ओ० एवं पदाधिकारियों का प्रशिक्षणः

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण के आलोक में नई IT सुविधाओं, मॉड्यूल्स और ऑनलाइन फॉर्म प्रक्रिया की जानकारी हेतु सभी पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। बी०एल०ओ०, ई०आर०ओ०, ए०ई०आर०ओ० सहित संबंधित अधिकारियों को नवीनतम तकनीकी प्रणालियों का प्रशिक्षण सभी विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक कार्यों से जुड़े प्रत्येक पदाधिकारी एवं कर्मी को दिया जायेगा ताकि निर्वाचन कार्यों का ससमय सटीक संपादन किया जा सके।

CEO ECINet से प्राप्त आंकडों के आधार पर दावा-आपत्ति के निष्पादन की रिपोर्ट प्रत्येक सप्ताह अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करेंगे, ताकि आम नागरिकों को जानकारी मिल सके।

फॉर्म-6, 6क, 7, और 8 के तहत प्राप्त सभी आवेदन CEO की वेबसाइट पर प्रतिदिन अपडेट किए जाएंगे।

CEO द्वारा प्रारूप मतदाता सूची, अंतिम मतदाता सूची, तथा दावा-आपत्तियों की सूची वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाएगी और राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाएगी।

मतदाता सूची का प्रारुप एवं अंतिम प्रकाशन होने पर जनता को विज्ञापन के माध्यम से जानकारी दी जाएगी कि और यदि आवश्यक हो तो अपील कैसे करें, इसकी जानकारी दी जायेगी।


ERO यह सुनिश्चित करेंगे कि अंतिम मतदाता सूची ड्राफ्ट सूची और SIR के दौरान हुए परिवर्तनों का समेकन हो।

अंतिम मतदाता सूची में SIR के दौरान किए गए सभी जोड़, संशोधन और विलोपन शामिल होंगे।

संशोधित / हटाई गई प्रविष्टियों को उनके पुराने क्रमांक (SI- No.) के सामने ही अपडेट करके दर्शाया जाएगा।

अंतिम मतदाता सूची को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा किया जाएगा और CEO की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाएगा।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के समाप्ति पर उप निर्वाचन आयुक्त, भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली के द्वारा सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों एवं सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों को निदेश दिया गया कि सभी को यह सुनिश्चित करना है कि कोई योग्य मतदाता छुटे नहीं तथा अयोग्य मतदाता जुटे नहीं। उप निर्वाचन आयुक्त के द्वारा सभी उपस्थित पदाधिकारियों को निर्वाचन आयोग के निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

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