पारीक पंचायत द्वारा आयोजित रथ यात्रा में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकली भक्ति भाव से , कोटा शहर गूंज उठा 'जय जगन्नाथ' के जयकारों से।
कोटा। पारीक पंचायत के तत्वावधान में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम की भव्य रथयात्रा भक्ति भाव के साथ निकाली गई। प्रवक्ता राहुल पारीक ने बताया कि शहर के मुख्य मार्गों से निकली इस शोभायात्रा में श्रद्धा, समर्पण और सांस्कृतिक समरसता के रंग नजर आए। जयकारों से गूंजते वातावरण में रथ को खींचते हुए श्रद्धालु भावविभोर दिखे। यात्रा में पारंपरिक वेशभूषा में सजी भक्तों की टोलियों, भजन मंडलियों और झांकियों ने नगरवासियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।महामंत्री अशोक पारीक ने बताया कि इस रथयात्रा की प्रेरणा स्वर्गीय प्रभुलाल जी ‘दानजी वाले’ रहे हैं, जिनकी स्मृति में यह आयोजन समाज के लिए एक आध्यात्मिक प्रेरणा स्रोत बना हुआ है।
इस अवसर शतायु घासी लाल पारीक को पंचायत द्वारा सम्मनित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक संदीप शर्मा एवं अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ममता तिवारी विशिष्ट अतिथि तौर पर पहुंचे.
वरिष्ठ भाजपा नेता गोविंद शर्मा, पूर्व उपमाहापौर सुनीता व्यास, ब्राह्मण नेता राजेंद्र गौतम पार्षद महेश गौतम रैली सहित विभिन्न समाजों को व्यापारिक संगठनों ने जगन्नाथ रथ यात्रा का मार्ग में स्वागत किया.
*भक्तिमय वातावरण*
भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। विनोद पारीक ने बताया कि हजारों श्रद्धालु रथ खींचते हुए यात्रा में सम्मिलित हुए। महिलाएं मंगल गीत गाती रहीं और रास्तेभर भजन-कीर्तन की ध्वनि गूंजती रही। कार्यक्रम के अंत में मंदिर परिसर में महाआरती का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
18 वर्षों से लगातार हो रहा आयोजन
पारीक पंचायत अध्यक्ष रासबिहारी पारीक ने बताया कि बीते 18 वर्षों से यह रथयात्रा निरंतर आयोजित की जा रही है, जो कोटा की धार्मिक परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। इस वर्ष की रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ का अलौकिक स्वरूप विराजमान था, जिसे देखकर श्रद्धालु दर्शन लाभ के लिए व्याकुल दिखे।
*धार्मिक आस्था का उत्सव*
कार्यक्रम में कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने रथयात्रा को भारतीय संस्कृति और सामुदायिक एकता का प्रतीक बताया। शर्मा ने कहा कि “यह उत्सव न केवल धार्मिक आस्था का उत्सव है, बल्कि सामाजिक समरसता और एकजुटता का अद्भुत उदाहरण भी है। समाज को ऐसी परंपराओं के संरक्षण व संवर्धन हेतु आगे आना चाहिए।”
*रथयात्रा मार्ग व प्रमुख आकर्षण*
अध्यक्ष रासबिहारी पारीक ने बताया कि यह यात्रा श्रीपुरा स्थित जगदीश मंदिर से सायं 6 बजे प्रारंभ होकर बिड़ला मेडिकल, मोखापाड़ा, कैथूनीपोल थाना, फर्नीचर मार्केट, लाल बुर्ज, गांधीजी की पुल, सुभाष सर्किल, टिप्पण चौकी होते हुए पुनः मंदिर परिसर में सम्पन्न हुई। शोभायात्रा में घोड़े, ऊंटगाड़ियां, बग्गियों पर विराजमान भगवानों की झांकियां, पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन, बैंड और वेदपाठी बटुक यात्रा को अलौकिक बना रहे थे। विशेष आकर्षण रही महर्षि पाराशर की झांकी और राधा-कृष्ण रूपी बालक-बालिकाएं, जिन्हें कार्यक्रम के अंत में अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया।
*संकीर्तन व श्रृंगार*
महिला अध्यक्ष निर्मला पारीक व महामंत्री अनिता पारीक ने बताया कि यात्रा से पूर्व मंदिर परिसर में दोपहर 2 बजे से संकीर्तन प्रारंभ हुआ, जिसमें ढोलक, मृदंग, हारमोनियम, तबला आदि वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि पर श्रद्धालु भक्ति रस में डूबे रहे। महामंत्री अशोक पारीक ने बताया कि भगवान का विशेष श्रृंगार किया गया, जिसमें फूलों से सजाई गई झांकी, मंगल स्नान, नवीन वस्त्र और आभूषणों का उपयोग हुआ। मंदिर परिसर को विद्युत सजावट से आकर्षक रूप प्रदान किया गया।
*विशेष उपस्थिति*
रथयात्रा में डा के के पारीक,कैलाश पारीक,रमेश व्यास, विनोद पारीक, कमलेश पारीक, ,लक्ष्मीकांत पारीक,अनिल पारीक,महेन्द्र पारीक,सत्यनारायण पारीक, शिवगोपाल पारीक, जयप्रकाश पारीक, निर्मला पारीक, अनीता पारीक, प्रतीक्षा पारीक, रश्मि पारीक, रानी पारीक, देवेंद्र पारीक (साबरमती), अशोक व्यास,गिरिराज पारीक,सुनीता पारीक, मोना पारीक, महेश पारीक, मदन गोपाल पारीक, राजेंद्र पारीक, राकेश, योगेश पारीक (ढोटी वाले) सहित समाजजन उपस्थित रहे।