
इटावा में यादव समुदाय के भागवत कथा वाचक से दुर्व्यहार की घटना के विरोध में झारखंड प्रांतीय यादव महासभा ने राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन डीसी को सौंपा।
( झारखंडदुमका ) प्रांतीय यादव महासभा झारखंड जिला दुमका झारखंड के बैनर तले समाज के बुद्धिजीवियों ने महासभा के जिला अध्यक्ष शिवनारायण दर्बे के नेतृत्व में भारत के राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त अभिजीत सिन्हा को ज्ञापन उत्तरप्रदेश के इटावा में यादव समुदाय के भागवत कथावाचक गण के साथ हुए जातिगत भेदभाव और दुर्व्यवहार के विरोध में दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने हेतु सौपा गया। इसकी प्रतिलिपि भारत के प्रधानमंत्री को भी दिया गया।
महासचिव डॉ अमरेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में हाल ही में हुई एक अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण घटना की ओर आकर्षित किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इटावा के दादपुर गांव, बकेवर थाना में भागवत कथा का पाठ कर रहे यादव समुदाय के कथावाचकों मुकुट मणि सिंह यादव एवं संत सिंह यादव आदि को स्थानीय ब्राह्मण समुदाय के कुछ व्यक्तियों द्वारा उनकी जाति के आधार पर अपमानित किया गया। उन्हें न केवल सार्वजनिक मंच पर अपमानित किया गया, बल्कि उनके सिर भी मुंडवा दिए गए और यह दावा किया गया कि यह ब्राह्मणों का एकाधिकार है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, उनके साथ मारपीट भी की गई और उन्हें अपनी नाक रगड़कर माफी मांगने पर मजबूर किया गया। यह घटना भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों, विशेष रूप से अनुच्छेद 17 (अस्पृश्यता का उन्मूलन) और अनुच्छेद 15 (धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध) का घोर उल्लंघन है। यह घटना दर्शाती है कि हमारे समाज में आज भी जातिगत भेदभाव जैसी कुरीतियां गहरी जड़ें जमाए हुए हैं। यह न केवल पीड़ित व्यक्तियों के सम्मान और गरिमा पर सीधा हमला है, बल्कि यह हमारे संवैधानिक मूल्यों और एक समतामूलक समाज के निर्माण के प्रयासों को भी कमजोर करता है। इस प्रकार की घटनाएं समाज में विभाजन और वैमनस्य को बढ़ावा देती हैं, जो राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए अत्यंत हानिकारक है। मांग किया है कि इस गंभीर मामले का संज्ञान लेकर दोषियों के विरुद्ध भारतीय संविधान तथा संबंधित कानूनों के तहत कठोर से कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित किया जाय। यह आवश्यक है कि ऐसे मामलों में त्वरित और निष्पक्ष जांच हो तथा दोषियों को एक्सेम्पलरी पनिसमेन्ट मिले ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह के जातिगत भेदभाव और अत्याचार को अंजाम देने का दुस्साहस न कर सके। यह भी महत्वपूर्ण है कि सरकार द्वारा ऐसे जातिगत भेदभाव के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए जाएं और समाज में समरसता तथा भाईचारे की भावना को बढ़ावा दिया जाए।
मुझे विश्वास है कि भारत सरकार को, यू पी सरकार और प्रशासन को जिम्मेदारी से इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कार्यवाही करना चाहिए ताकि पीड़ित व्यक्तियों को न्याय मिल सके और भारत के प्रत्येक नागरिक को बिना किसी जातिगत भेदभाव के, सम्मान और गरिमा के साथ जीने का अधिकार सुनिश्चित हो सके।
उपाध्यक्ष सुरेंद्र यादव व दयामय माजी, सचिव सुबल चंद्र महतो रामकुमार दर्वे व मनोज पंजियारा, युवा जिला अध्यक्ष ललित यादव सहित अधिवक्ता धर्मेंद्र नारायण प्रसाद व जयकांत यादव, पंकज यादव, अनंतलाल खिरहर, विनोद यादव, विष्णु यादव, इन्द्रकांत यादव, गौतम दर्बे, राजेश रंजन यादव, बालकृष्ण दर्बे, मृगेंद्र यादव, बीरबल दर्बे,जरमुंडी प्रखंड अध्यक्ष प्रमुख मरीक, जितेंद्र महतो, बसंत यादव, प्रदीप दर्बे, सुजीत यादव, चंद्रशेखर महतो, प्रदीप राउत, प्रमोद कुमार सहित साहित्य सैकड़ों लोग मौजूद थे।