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वाराणसी: नकली सोना बेचने वाला चंद्रा ज्वेलर्स का मालिक प्रशांत सिंह गहरवार माफिया घोषित, 11 मुकदमों में नामजद*

*जनता की आवाज ✍️*

*वाराणसी:* कैंट थाना क्षेत्र में संचालित चंद्रा ज्वेलर्स के मालिक प्रशांत सिंह गहरवार को शनिवार को पुलिस ने औपचारिक रूप से माफिया घोषित कर दिया है। पुलिस के अनुसार, नकली आभूषण बेचने और धोखाधड़ी के मामलों में लिप्त प्रशांत सिंह पर गैंगस्टर एक्ट समेत कुल 11 मुकदमे दर्ज हैं। वर्तमान में वह जिला जेल में बंद है और कैंट थाना पुलिस द्वारा पिछले पांच वर्षों में चिन्हित किया गया यह पहला माफिया है। उसके खिलाफ की गई यह कार्रवाई कमिश्नरेट प्रणाली के तहत लंबे अंतराल के बाद नए माफिया पर की गई बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।

कैंट थाना प्रभारी राजकुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी प्रशांत सिंह गहरवार मूलतः अर्दली बाजार स्थित महावीर मंदिर रोड का निवासी है, जबकि वर्तमान में वह जंसा थाना अंतर्गत रामेश्वरम क्षेत्र के पदसीपुर की राजपूत हवेली में रह रहा था। वह चंद्रा आभूषण भंडार नामक दुकान के माध्यम से नकली सोने के आभूषण बेचने के अपराधों के लिए कुख्यात है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, प्रशांत और उसके भाइयों ने सोने की असली चमक के नाम पर आमजन से लेकर कई पुलिसकर्मियों तक को निशाना बनाया और करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया।

प्रशांत के खिलाफ वर्ष 2022 से अब तक धोखाधड़ी, धमकी, मारपीट और अन्य आपराधिक धाराओं में दर्जनों मामले दर्ज हुए हैं। कैंट पुलिस के अनुसार, आरोपी अपने झांसे में ग्राहकों को लेकर आता था और असली सोने के नाम पर नकली जेवरात बेचता था। ठगी के शिकार ग्राहकों में एक महिला पुलिसकर्मी भी शामिल है, जिसने जब नकली आभूषण मिलने पर शिकायत की तो उसे गंभीर धमकियां दी गईं। इस मामले में कैंट थाना अंतर्गत अर्दली चौकी में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

प्रशांत सिंह गहरवार की गतिविधियों की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने उसके दो भाइयों कृष्णा सिंह और आकाशदीप सिंह को भी माफिया घोषित कर दिया है। इन तीनों भाइयों द्वारा मिलकर एक संगठित जालसाजी गिरोह संचालित किया जा रहा था, जिसमें पुलिस को शक है कि और भी सदस्य शामिल हो सकते हैं। पुलिस इनकी पूरी गैंग का पर्दाफाश करने के लिए जांच तेज कर चुकी है।

प्रशांत सिंह की धोखाधड़ी की रणनीति बेहद सुनियोजित थी। वह नकली सोने को असली बताकर भारी मुनाफा कमाता और ग्राहकों को बिल के बजाय कच्चे रसीद देता था ताकि टैक्स से भी बच सके। ठगी के शिकार कई लोगों ने जब विरोध किया तो उन्हें धमकाया गया, कुछ को तो मारने की भी धमकी दी गई। पुलिस का कहना है कि प्रशांत का स्वतंत्र घूमना समाज और जनहित दोनों के लिए घातक हो सकता था, इसलिए उसे औपचारिक रूप से माफिया घोषित किया गया।

पुलिस अब चंद्रा आभूषण भंडार के सभी लेनदेन और संपत्तियों की भी जांच कर रही है। साथ ही इस गिरोह से जुड़ी अन्य संदिग्ध गतिविधियों की तह में जाने की तैयारी है। इस कार्रवाई को कमिश्नरेट प्रणाली की सक्रियता और ठगी के खिलाफ कानून का सख्त रुख माना जा रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के आर्थिक अपराधों के विरुद्ध सख्त से सख्त कदम उठाए जाएंगे ताकि आम नागरिकों की सुरक्षा और भरोसा दोनों कायम रह सके।

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