
नगर परिषद की जमीन में कब्जा;कब्जेदारों को नोटिस जारी
नगर परिषद के लिएआवंटित जमीन में आधा सैकड़ा लोगों ने कब्जा कर लिया जमीन को मुक्त कराने मे नगर परिषद नागौद को पसीना छूट रहा है। अतिक्रमण कर्ताओं को मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने नोटिस जारी किया है उल्लेखनीय कि नगर के वार्ड क्रमांक 8 कार्यालय नगर परिषद के पीछे शासकीय भूमि में एक दशक से अवैध रूप से कब्जा कर लोगों ने इमारतें तान दी लगभग 52 ऐसे आक्रमणकारियों को निकाय ने चिन्हित किया है। सभी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है उक्त भूमि नगर परिषद को आवंटित है। नगर परिषद ने 2011-12 मैं तार बाउंड्री निर्माण कार्य परिषद में स्वीकृत करते हुए निविदा भी जारी किया था। इसके बाद भूमि में लक्ष्मी बाई सड़क मार्ग के निवासियों ने अपने-अपने मकान के पीछे 100 -100 फिट से ज्यादा अवैध रूप से कब्जा कर पक्का निर्माण कार्य कर लिया। मछली मार्केट भी इसी भूखंड में प्रस्तावित था लेकिन मोहल्ले वालों के विरोध के चलते मछली मार्केट निकाय नहीं बना पाई। मुख्य नगर पालिका अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने सभी अतिक्रमण कारियो को 7 जून को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया था।
इन लोगों को जारी हुई नोटिस
रमाकांत सोनी राकेश कुशवाहा शंकर लाल कुशवाहा सतीश कुमार सोनी रमेश कुमार सोनी श्रीमती गुलाब रानी सोनी कमल पटेल गोपी प्रसाद गुप्ता कृष्ण कुमार सोनी मनोज टंडन कामता प्रसाद बर्मन दयाराम पुरवार श्रीमती रामवती बर्मन दयानंद सोनी तेरसी बर्मन किशोरी लाल बर्मन मदनलाल बर्मन प्रमोद बर्मन लक्ष्मी बर्मन विद्या बर्मन दुर्गा बर्मन रमेश सोनी दिनेश सोनी महेश सोनी श्रीमती भजना सोनी विजय सिंह उर्मिला सोनी मूलचंद सोनी बाबूलाल साहू बृजनंदन प्रसाद गुप्ता संध्या सोनी सोनिया सोनी कालिका प्रसाद गौतम बद्री प्रसाद गुप्ता मगी बाई साहू रामकिशोर साहू यशोदा साहू संजय साहू कल्लू सोनी रजजन बाई गंधर्व कमला साहू लक्ष्मण साहू रामप्यारी साहू शारदा प्रसाद सोनी पुरुषोत्तम सोनी जवाहर सोनी शारदा सोनी जय नारायण गुप्ता रामबाई बर्मन शंकर दयाल सोनी विंध्यवती गुप्ता वीरेंद्र कुमार बर्मन शामिल हैं।
अधिकतर के आए जवाब
सूत्रों के मुताबिक नोटिस मिलने के बाद अधिकतर लोगों ने नगर परिषद कार्यालय में जवाब लिखित रूप से दिया है अपने पक्ष में दस्तावेज भी प्रस्तुत किए हैं एक दर्जन लोगों ने जवाब नहीं दिया जिन लोगों ने जवाब प्रस्तुत किया है उनमें पुराने दस्तावेज जमा कराए हैं भवन निर्माण अनुज्ञा एवं एसडीएम की अनापत्ति पत्र शामिल है। लेकिन मौके में स्वीकृत भवन निर्माण अनुज्ञा से ज्यादा भूखंड पर कब्जा के संबंध में किसी भी प्रकार के वैद्य दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके।