
नागौद अस्पताल में रेफर -रेफर का खेल, 6 वर्षीय बालिका की सर्पदंश से मौत; पोस्टमार्टम के लिए बिलखते रहे परिजन।
नागौद। पन्ना जिला अंतर्गत मुडवारी के पास की निवासी राजनंदिनी सिंगरौल पिता सुखेंद्र सिंगरौल उम्र 06 वर्ष का सर्प काटने के कारण आकस्मिक निधन हो गया है। परिजनों से प्राप्त जानकारी अनुसार कल यह लड़की अपने घर के पास खेल रही थी, इसे किसी कीड़े ने काट लिया था, रात्रि को इसने कुछ शिकायत नहीं की। सवेरे इसको जब दिक्कत हुई तो उसने अपने माता-पिता को बताया, माता-पिता ने लोगों को बताया और जल्दी सिविल अस्पताल आज दोपहर 12 बजे चैतन्य अवस्था में लेकर नागौद पहुंचे, जहां पर डियुटी डॉक्टर मयंक तिवारी जो प्रतिदिन कोठी से नागौद अप-डाउन करते हैं, ने उसका प्राथमिक उपचार किया तथा उसे सतना रेफर कर दिया। काफी देर तक एंबुलेंस का पीड़ित परिवार इंतजार करता रहा लेकिन उसे एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध नहीं हुई, फिर वह प्राइवेट गाड़ी करके सतना के लिए रवाना हुआ और नागौद के 3 किलोमीटर आगे सलैया के आसपास राजनंदिनी ने अंतिम सांस लेकर इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उसके परिजन उसे नागौद चीरघर लेकर 1:30 बजे वापस आ गए, पुलिस को सूचना गई पुलिस ने आकर पोस्टमार्टम के सभी पेपर जल्द ही तैयार कर लिए। लोग ड्यूटी डॉक्टर का इंतजार 4:45 तक करते रहे लेकिन मयंक तिवारी वापस नहीं आए, बाद में यह सूचना दिए कि अभी तक मैं कोर्ट में पेशी में था और अब अपने घर निकल रहा हूं, बीएमओ साहब को बता दो। इतने लंबे इंतजार के बाद परिजन लाश को लेकर रोते बिलखते रहे। नागौद अस्पताल कि कार्यप्रणाली जिस तरह से मानवीय मूल्यों के प्रति बेपरवाह है वह गंभीर चिंता का विषय है। लेटलतीफी पर परिजनों ने बीएमओ से संपर्क किया तब डां प्रजापति ने स्वयं आकर उसका पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम के बाद उसकी डेड बॉडी ग्रह ग्राम रवाना हुई। परिजनों मे बालिका को सतना अनायास रेफर करने, इलाज में लापरवाही करने सही इंजेक्शन उपलब्ध न होने का आरोप लगाया है। एंबुलेंस ना मिलने तथा पोस्टमार्टम के लिए समय पर ड्यूटी डाक्टर का न आना चर्चा का विषय रहा। ये सारी चीजें नागौद के अस्पताल प्रबन्धन की कलई खोलती हैं।