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बिहार में वोटर लिस्ट सुधार पर बवाल: विपक्ष ने लगाया साजिश का आरोप, चुनाव आयोग पर उठाए सवाल...

पटना, 29 जून 2025 (राहुल चन्द्रा) : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले वोटर लिस्ट में सुधार के लिए शुरू किए गए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। विपक्षी दलों, खासकर महागठबंधन (RJD, कांग्रेस, और अन्य), ने इस अभियान को सत्तारूढ़ NDA की साजिश करार दिया है। उनका आरोप है कि इसका मकसद गरीब, दलित, पिछड़े, और अल्पसंख्यक वोटरों को मतदाता सूची से हटाकर उनके मताधिकार को छीनना है।

विपक्ष के आरोप: NRC से जोड़ा, सत्तापक्ष पर निशाना
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस अभियान को "चुनावी धांधली" का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा, "8 करोड़ वोटरों की मौजूदा सूची को रद्द कर 25 दिनों में नई सूची बनाना संभव नहीं। यह गरीबों और वंचितों को वोटिंग से वंचित करने की साजिश है।" तेजस्वी ने इसे राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) से जोड़ते हुए कहा कि बिहार में चुपके से NRC लागू किया जा रहा है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट में हेरफेर हुआ, अब बिहार में यह साजिश चल रही है। यह लोकतंत्र पर हमला है।" AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने भी इसे NRC से भी खतरनाक बताया और चेतावनी दी कि इसका असर बंगाल तक हो सकता है।

दस्तावेजों की सख्ती पर विवाद: वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करने के लिए जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता का जन्म प्रमाण, और 1 जुलाई 1987 की कट-ऑफ तारीख जैसे दस्तावेजों की मांग पर विपक्ष ने आपत्ति जताई है। RJD नेता मनोज झा ने कहा, "बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों और पलायन करने वाले मजदूरों के पास ऐसे दस्तावेज कहां से होंगे? यह जानबूझकर गरीबों को निशाना बनाने की रणनीति है।"

सत्तापक्ष का जवाब: फर्जी वोटरों पर कार्रवाई
दूसरी ओर, सत्तारूढ़ BJP और JDU ने इन आरोपों को खारिज किया है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, "कुछ क्षेत्रों में 20-30 हजार फर्जी वोटर हैं, जो अवैध विदेशी नागरिकों के रूप में पंजीकृत हैं। यह अभियान वोटर लिस्ट को शुद्ध करने के लिए है।" BJP प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा, "विपक्ष को अपनी हार का डर है, इसलिए वे बेवजह हंगामा कर रहे हैं।"

चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप
विपक्ष ने चुनाव आयोग पर BJP के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। तेजस्वी ने कहा, "2003 में देशभर की वोटर लिस्ट बनाने में दो साल लगे थे, लेकिन अब 25 दिनों में यह काम कैसे हो सकता है?" INDIA गठबंधन ने जल्द ही चुनाव आयोग से मिलकर पारदर्शिता की मांग करने की घोषणा की है।

आगे क्या?
विपक्ष ने इस मुद्दे पर सड़क से लेकर कोर्ट तक लड़ाई की चेतावनी दी है। RJD और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कई जिलों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। दूसरी ओर, चुनाव आयोग ने दावा किया है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और संवैधानिक है।

बिहार में इस सियासी घमासान ने चुनावी माहौल को और गरमा दिया है। सवाल यह है कि क्या यह अभियान वाकई वोटर लिस्ट को बेहतर बनाएगा या यह सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच नई जंग का मैदान बनेगा?

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