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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला बेटियों के हक में

2005 में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में एक अहम संशोधन किया गया। इसके तहत बेटियों को पिता की पैतृक संपत्ति में बराबर का हिस्सा देने का प्रावधान किया गया। इससे पहले बेटियां शादी के बाद संपत्ति की हकदार नहीं मानी जाती थीं, लेकिन अब शादीशुदा बेटी भी उतनी ही हकदार है जितना बेटा।
कई राज्यों में खेती की जमीन को लेकर बेटियों को अधिकार नहीं दिया जाता था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2020 और फिर 2024 में साफ कहा कि बेटियों को खेती की जमीन में भी बेटों के बराबर हिस्सा मिलना चाहिए। कोर्ट ने राज्य सरकारों को इस भेदभाव को खत्म करने का निर्देश भी दिया।
2020 में Vineeta Sharma बनाम Rakesh Sharma केस में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि बेटियों को पैतृक संपत्ति में जन्म से ही बराबर का हक मिलेगा, भले ही पिता की मृत्यु 2005 से पहले हुई हो या बाद में। इस फैसले ने बेटियों के अधिकार को और मजबूत किया।

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