
"रामगढ़ भगवानपुर अस्पताल पर विरोधियों की ओछी राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी: आजाद सिंह नान्धा"
"अस्पताल राजनीति से नहीं, जनसुविधा से तय हो!" – पूर्व जिला पार्षद आज़ाद सिंह नान्धा
▪️ नागरिक अस्पताल शहर में होना चाहिए, फैसला भावनाओं से नहीं, व्यावहारिक ज़रूरतों से हो
▪️ भगवानपुर पंचायत में की गई अशोभनीय टिप्पणियों की कड़ी निंदा, राव इंद्रजीत व आरती राव के समर्थन में उतरे नान्धा
रेवाड़ी | विशेष संवाददाता :
रेवाड़ी जिले में नागरिक अस्पताल के स्थानांतरण को लेकर जारी विवाद और भावनात्मक बहस के बीच पूर्व जिला पार्षद आज़ाद सिंह नान्धा ने एक संयमित, तथ्यात्मक और स्पष्ट बयान जारी करते हुए कहा है कि–
>"यह मुद्दा किसी गांव की हार-जीत नहीं, बल्कि पूरे जिले के स्वास्थ्य ढांचे का सवाल है। अस्पताल का स्थान वहां हो जहाँ मरीज समय पर पहुंच सके, न कि वहां जो राजनीतिक रूप से ‘सही’ लगे।”
नान्धा ने कहा कि वर्तमान में रेवाड़ी शहर के मध्य में कार्यरत नागरिक अस्पताल को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव चल रहा है, लेकिन जो नया स्थान प्रस्तावित किया जा रहा है वह शहर की सीमाओं के बाहर है, जिससे आपातकालीन परिस्थितियों में समस्या खड़ी हो सकती है।
>“एम्बुलेंस, ट्रैफिक और मिनटों की संवेदनशीलता को समझते हुए यह तय होना चाहिए कि अस्पताल आमजन के लिए सबसे सुगम स्थान पर हो। भावना और राजनीति के दबाव में लिया गया फैसला सीधे जन-जीवन को प्रभावित कर सकता है।”
❝ विरोधियों की ओछी राजनीति का ज़मीन पर जवाब मिलेगा ❞
रामगढ़ भगवानपुर में 200 बेड के अस्पताल को लेकर उठे राजनीतिक विवाद पर बोलते हुए नान्धा ने कहा कि–
>“कुछ राजनीतिक मंचों ने इस अस्पताल को भी राजनीतिक शोरगुल और दुर्भावना का अड्डा बना लिया है। विकास के मुद्दे को लेकर ओछी राजनीति की जा रही है। बार-बार भ्रामक बयान देकर समाज में टकराव की स्थिति बनाई जा रही है।”
उन्होंने कहा कि अहीरवाल की शान केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और स्वास्थ्य मंत्री बहन आरती राव पर व्यक्तिगत आक्षेप कर के, कुछ लोग अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करना चाहते हैं।
❝ स्वास्थ्य मंत्री बहन आरती राव पर व्यक्तिगत टिप्पणियां स्त्री गरिमा पर हमला ❞
भगवानपुर पंचायत में स्वास्थ्य मंत्री आरती राव के खिलाफ की गई टिप्पणियों पर कड़ा विरोध जताते हुए नान्धा ने कहा—
>“यह सिर्फ राजनीतिक पतन नहीं, समाज की भी गिरावट है।
आरती राव अहीरवाल की गौरवशाली बेटी हैं, मेहनती, संवेदनशील और ज़मीन से जुड़ी मंत्री हैं। उनके और उनके परिवार का क्षेत्र के विकास में योगदान किसी परिचय का मोहताज नहीं।
मतभेद लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन महिलाओं के खिलाफ ऐसी भाषा किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।”
❝ राव इंद्रजीत सिंह क्षेत्र की रीढ़ हैं ❞
केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के पक्ष में खड़े होते हुए आज़ाद सिंह नान्धा ने कहा—
>“राव साहब ने 40 साल के सार्वजनिक जीवन में हर बार निडर होकर क्षेत्र की बात की है। अपनी ही सरकार से टकरा जाना, सच कहना और बेदाग छवि बनाए रखना — यह उनकी पहचान है।
उन्हें राजनीति से हटाकर निशाना बनाना, क्षेत्र के नेतृत्व और भविष्य दोनों को कमजोर करना है।”
❝ समाधान नारे से नहीं, संवाद से निकलेगा ❞
पूर्व जिला पार्षद नान्धा ने जिलेवासियों से एकजुट होकर सोचने की अपील की:
>“यह समय नारेबाजी का नहीं, सोच-समझ से फैसला लेने का है।
नागरिक अस्पताल शहर और गांव, दोनों के लोगों के लिए सुलभ हो। जरूरी है कि हम किसी गांव, जाति या भावना के आधार पर नहीं, बल्कि जनसुविधा और व्यावहारिकता के आधार पर सोचें। तभी हम सच्चे अर्थों में जनहित को सर्वोपरि रख पाएंगे।"