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बिहार की राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत

हाल ही में बिहार में "जनसभा" या राजनीतिक रैली के दौरान एक अप्रत्याशित घटना देखने को मिली। जब राहुल गांधी मंच पर मौजूद थे, तब जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव मंच पर चढ़ने लगे। उसी दौरान तेजस्वी यादव ने उनका हाथ पकड़कर उन्हें मंच से नीचे उतार दिया।
क्या हुआ था?
पप्पू यादव मंच की ओर बढ़े और चढ़ने की कोशिश की।
तेजस्वी यादव ने तुरंत हस्तक्षेप किया और उनका हाथ पकड़कर मंच से नीचे उतरने को कहा।
मंच पर पहले से ही कई विपक्षी दलों के नेता मौजूद थे, जिसमें राहुल गांधी, तेजस्वी यादव जैसे बड़े नेता शामिल थे।

यह घटना कैमरे में रिकॉर्ड हो गई और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
इसके राजनीतिक मायने:
1. विपक्षी एकता में दरार?
पप्पू यादव को मंच से रोकना इस बात की ओर संकेत करता है कि उनके और RJD (तेजस्वी यादव) के बीच आपसी तालमेल ठीक नहीं है।
2. तेजस्वी की 'कंट्रोल पॉलिटिक्स'?
यह दिखाता है कि तेजस्वी यादव मंच पर किसे जगह मिलेगी और किसे नहीं, इस पर सख्त नियंत्रण रखना चाहते हैं।
3. पप्पू यादव की नाराजगी?
बाद में पप्पू यादव ने इस घटना पर साफ नाराज़गी जताई और कहा कि उन्हें जनता के नेता को मंच से उतारना अपमानजनक है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया: कुछ लोगों ने तेजस्वी यादव के व्यवहार को अहंकारी कहा।
वहीं कुछ लोगों ने कहा कि मंच का अनुशासन बनाए रखना जरूरी था।
यह घटना सिर्फ एक छोटी बहस नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत भी हो सकती है। यह विपक्षी गठबंधन की एकता और तालमेल पर सवाल खड़ा करता है।

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