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रिश्तों तो ताक पे रख स्टेटस और डीपी तय करने लगे है आजकल के रिश्ते की मधुरता

नई दिल्ली ।आज कल सोशल मीडिया के दौर में लोग डीपी और स्टेटस के दम पर रिश्ते निभाने लगे है।अपनी बात सामने से न सुलझा सके तो लगाने लगते है स्टेटस और डीपी।बिना बोले बहुत कह जाने की ये कोशिश का चलन आम हो गया है ।रिश्तों को ताक पर रखना मंजूर है लेकिन अपनी बात नीचे न हो और सामने वाले को सबक सिखा दिया जाए ऐसा नया विकल्प कुछ लोगों ने ढूंढ लिया है।समाजसेवी नितिन कालरा इसे विषैली और नकारात्मक सोच मानते है।कालरा ने AIMA से बातचीत में कहा की जहां रिश्ते में गहराई नहीं होती और दिल से न हो कर दिमाग से बनाए रिश्ते या दोस्ती होती है वहां ऐसी ओछी हरकते देखने को मिलती है अन्यथा जहां व्यक्ति और रिश्ते की एहमियत होती है वहां ये सब करने से लोग बचते है ।कुछ बचकाने लोग इस तरह के ओछेपन का प्रयोग अपनी सुविधा अनुसार कर तो लेते है लेकिन बाद में खुद को ही पछताना पड़ता है ।आज कोई किसी का मोहताज नहीं है ।गर्म जोशी दोनों तरफ से है तभी रिश्ते चलते है अन्यथा टाइम पास है तो कौन किसके लिए कब और क्यों इंतजार करता है।कुल मिला के ऐसे ओछेपन वाले लोगों से बचने की ही सलाह है

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