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कुशीनगर जनपद की सबसे बड़ी ग्रामसभा 'कुंडवा उर्फ़ दिलीप नगर' को नगर पंचायत का दर्जा क्यों नहीं?

कुशीनगर जनपद की सबसे बड़ी ग्रामसभा 'कुंडवा उर्फ़ दिलीप नगर' को नगर पंचायत का दर्जा क्यों नहीं?

कसया, कुशीनगर (उत्तर प्रदेश):
कुशीनगर जनपद के विकासखंड कसया के अंतर्गत स्थित कुंडवा उर्फ दिलीप नगर की पहचान जिले की सबसे बड़ी ग्रामसभा के रूप में होती है। यह क्षेत्र 82 से अधिक टोलों और लगभग 28,000 मतदाताओं के साथ न केवल जनसंख्या के लिहाज से बल्कि विकास, संसाधनों और सामाजिक जागरूकता के मामले में भी काफी आगे है।

स्थानीय लोगों का मानना है कि इतनी बड़ी आबादी, क्षेत्रफल और संसाधन होने के बावजूद इस ग्रामसभा को अभी तक नगर पंचायत का दर्जा नहीं मिल पाना दुर्भाग्यपूर्ण है। यहां शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और व्यापार से जुड़े संसाधनों में निरंतर वृद्धि हो रही है, जिससे यह इलाका अब शहरी स्वरूप ले चुका है।

स्थानीय नेताओं और समाजसेवियों का तर्क है:

क्षेत्र में जनसंख्या घनत्व नगर पंचायत की पात्रता को पूरा करता है।

बाजार, स्कूल, अस्पताल, और CSC केंद्र जैसी सुविधाएं पहले से मौजूद हैं।

ग्रामसभा के रूप में प्रशासनिक सीमाएं विकास में बाधा बनती हैं।

इतनी बड़ी ग्रामसभा में एक मुख्य बैंक की शाखा मौजूद नहीं है

जनता की मांग:
अब यह मांग तेज़ होती जा रही है कि कुंडवा उर्फ दिलीप नगर को नगर पंचायत का दर्जा दिया जाए ताकि इस क्षेत्र में योजनाएं सीधे शहरी ढांचे के अनुसार लागू हो सकें और लोगों को बेहतर नागरिक सुविधाएं मिल सकें।

प्रशासन से अपील:
सरकार और जिला प्रशासन को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और क्षेत्रीय प्रतिनिधियों को इस मांग को लेकर सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

आपका क्या विचार है? क्या इतनी बड़ी ग्रामसभा को नगर पंचायत नहीं बनाया जाना चाहिए?

इस मुद्दे पर कुछ ग्रामीण अपने में बहस किए
ग्रामीण में हर्ष कुमार, सुनील कुमार, मंजीत, अरविंद, विनोद मैनेजर इत्यादि मौजूद रहे

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