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जातिगत जनगणना और हमारा जायसवाल समाज *


डॉ अशोक कुमार चौधरी "प्रियदर्शी"

अप्रैल 30 को भारत सरकार द्वारा जातिगत जनगणना की घोषणा होते ही हमारे समाज में इसके महत्व और प्रभाव को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। इस विषय पर विचार रखने से पहले, यह आवश्यक है कि हम जनगणना के विषय और विधि की जानकारी प्राप्त करें।

जनगणना की प्रक्रिया
संगणक को वही लिखना है जो हम उन्हें बतायेंगे। उन्हें इसके अतिरिक्त लिखने का अधिकार नहीं है। यह काम सरकारी या गैरसरकारी एजेंसियों के अधीन आने वाले कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर किया जाने वाला है। इसलिए, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम अपनी जाति का उल्लेख सही तरीके से करें।

एकजुटता का महत्व
कल्चुरी वंश के नाम से जितने भी संगठन हैं, उन्हें एक स्वर में अपनी जाति अर्थात _ कलवार_ कलाल _कलार (मेरे विचार में *कलवार*) का उल्लेख करना है, न कि वंश का। इससे हमारे समाज की एकता और मजबूती को दर्शाया जा सकेगा। जो जातियां केंद्र और राज्य सरकार की सूची में शामिल हैं, जातिगत जनगणना के परिपत्रक में वहीं जाति का उल्लेख किया जाना है। इसके अतिरिक्त कुछ भी लिखने वाले या स्थान को रिक्त रखने पर पत्रक की गणना कम्प्यूटर द्वारा अन्य में कर ली जाएगी।

वर्ग और जाति का उल्लेख
हमारे समाज के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम वर्ग के कालम में _*पिछड़ा*_ लिखवाएं और जाति के कालम में *कलवार* लिखवाएं। हमें सम्पूर्ण देश में एक राय होनी चाहिए और _*कलवार*_ का उल्लेख करना चाहिए।

संगठित प्रयास
इस जातिगत जनगणना का सही उपयोग करने के लिए, हमारे समाज के विभिन्न संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को अपने-अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है। हम उन कागजी और सोशल मीडिया वाले संगठनों से आग्रह करते हैं जो केवल हवाबाजी में लगे हुए हैं, वे समाज को दिग्भ्रमित न करें। स्वयंभू पदाधिकारियों से निवेदन है कि वे अपने हित साधन और चंदा चौपाटी के लिए _*समाज को एकजुट करने के बजाय समाज के हित में एकजुट हों।*_ हमें समन्वय स्थापित कर एक ही निर्णय लेना होगा जो पूरे देश के लिए सर्वमान्य हो।

 निवेदन
हमारे समाज के सभी वर्गों और उपवर्गों से निवेदन है कि जातिगत जनगणना में संगणक को वर्ग में _*पिछड़ा*_ और जाति में _*कलवार_कलाल_कलार*_ (मेरे विचार में एकमत से *कलवार*) ही लिखावें। यह हमारे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा और हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने में मदद करेगा।

एकता में शक्ति
किसी भी तरह का विवाद करने से अच्छा होगा कि हर घर तक, हर व्यक्ति तक _कलवार_ को लिखने का संदेश पहुंचाया जाए। इस विषय पर अन्य कोई भी चर्चा निरर्थक है। हमने इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि हमारे विचारों से समाज भ्रमित ना हो।

 राष्ट्रीय, प्रांतीय और स्थानीय स्तर पर एकजुटता
देश भर में राष्ट्रीय, प्रांतीय और स्थानीय स्तर पर प्रतिष्ठित सामाजिक संगठनों और उनके प्रतिष्ठित पदाधिकारियों से निवेदन है कि वे एक _*कॉमन मिनिमम प्रोग्राम*_ तय करें जिसमें जाति के उल्लेख के लिए _*कलवार*_ का उपयोग करने और वर्ग के उल्लेख के लिए *_पिछड़ा_* का उपयोग करने पर सहमति हो। इससे हमारे समाज की एकता और मजबूती को और भी मजबूती मिलेगी।

आइए, हम सभी एकजुट होकर अपने समाज के लिए एक मजबूत भविष्य का निर्माण करें।

संघे शक्ति युगे युगे
इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीति, ज्योतिष, समसामयिक विषयों के लेखक एवं विचारक

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