
भारतीय मज़दूर संघ ने आयोजित किया 70 वर्ष के कार्यक्रमों का समापन कार्यक्रम
भारतीय मज़दूर संघ ने आयोजित किया 70 वर्ष के कार्यक्रमों का समापन कार्यक्रम*
*भारतीय मज़दूर संघ का 70वां वर्ष पूर्ण, समापन कार्यक्रम में हुई ऐतिहासिक भागीदारी*
*भारतीय मज़दूर संघ ने मनाया 70 वर्षों की उपलब्धियों का भव्य समापन समारोह*
*राजस्थान प्रदेश के सभी जिलों से बीएमएस कार्यकर्ताओ ने दिल्ली में आयोजित समापन कार्यक्रम में सहभागिता की*
*राजस्थान के 7 संभागों में सीधे प्रसारण की व्यवस्था की गई ,कई जिलों में आयोजित किए गए रक्तदान शिविर और संगोष्ठी*
*जयपुर में राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फैडरेशन संबद्ध भामसं द्वारा सिंधीकैंप बस स्टैंड पर बड़ी स्क्रीन पर सीधे प्रसारण कार्यक्रम का उद्घाटन क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम जी द्वारा ध्वज फहराकर तथा दीप प्रज्वलन कर किया गया*
*राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षैत्रिय प्रचारक निंबाराम जी के मुख्य आतिथ्य तथा नगर निगम जयपुर की महापौर श्रीमती सौम्या गुर्जर के एवं उप महापौर श्री पुनीत कर्नावट , भाजपा शहर जिला अध्यक्ष श्री अमित गोयल के आतिथ्य में ध्वजारोहण कर दीप प्रज्ज्वलन करने के साथ ही 70 वर्ष के उपलक्ष में 70 पेड़ लगाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।*
भारतीय मज़दूर संघ (BMS) ने अपने 70 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में वर्षभर चले आयोजनों की श्रृंखला का भव्य समापन समारोह 23 जुलाई 2025 को नई दिल्ली के के.डी. जाधव कुश्ती हॉल, इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, विशिष्ठ अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडविया एवं अध्यक्षता बीएमएस अध्यक्ष हिरानमय पांडेय द्वारा की गई।
कार्यक्रम की शुरुआत इन्दु जम्वाल, अध्यक्ष दिल्ली प्रांत, बीएमएस के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने सभी आगंतुकों एवम् आतिथियों का हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने कहा इसके पूर्व 1970 में दिल्ली में प्रथम अधिवेशन का आयोजन हुआ था और आज का BMS-70 कार्यक्रम आयोजित हो रहा है, यह सभी कार्यकर्ताओं के लिए गौरव का विषय है।
अखिल भारतीय महामंत्री श्री रविन्द्र हिम्मते ने मंच से वर्षभर चले विभिन्न आयोजनों की जानकारी साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार भारतीय मजदूर संघ ने पिछले सात दशकों में श्रमिक हितों की रक्षा करते हुए संगठनात्मक विस्तार और वैचारिक स्पष्टता बनाए रखी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि समापन कोई अंत नहीं, बल्कि एक नया पड़ाव है — संगठन की यात्रा निरंतर चलती रहेगी।
श्री हिम्मते ने उन महान विभूतियों और कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने संगठन को इस ऊंचाई तक पहुंचाने में अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने कहा, 23 जुलाई 2024 को मजदूर संघ ने अपने 70वें वर्ष में पदार्पण किया था, जिसकी शुरुआत उस ऐतिहासिक स्थल भोपाल से हुई, जहां से बीएमएस के कार्य की शुरुआत हुई थी। श्री हिम्मते ने कहा भारतीय मजदूर संघ ने अपने राष्ट्रीय, औद्योगिक और श्रमिक हित — इस त्रिसूत्रीय सिद्धांत पर कार्य करते हुए अपने 70 वर्षों के कार्यकाल को सफलतापूर्वक निभाया है। संगठन ने अपने मूल्यों में पारदर्शिता, सामूहिक निर्णय प्रणाली, तथा दलगत राजनीति से पूर्णत: दूर रहने का जो संकल्प लिया, वही इसकी दीर्घकालीन सफलता का आधार बना।
बीएमएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिरणमय पांडेय ने कहा मजदूर संघ 1989 के पूर्व दूसरे स्थान पर था परन्तु उसके बाद से अब तक बीएमएस देश का शीर्ष मजदूर संगठन बना हुआ है। उन्होंने कहा हमारा संगठन युवा और महिलाओं का नेतृत्व ने केवल देश में बल्कि विदेशों में भी प्रदान कर रहा है। जी 20 के अन्तर्गत एल 20 में नेतृत्व मजदूर संघ ने किया और दुनिया को भारतीय श्रमिक विचार से अवगत कराया।उन्होंने कहा, आज बीएमएस देशभर में 28 प्रदेशों, 44 महासंघों, और 6630 संगठनों के माध्यम से सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। भारत तक ही सीमित नहीं, नेपाल में भी बीएमएस की उपस्थिति संगठन के अंतरराष्ट्रीय विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है।
श्री पांडेय ने कहा, पांडेय अपने 70वें वर्ष को एक पड़ाव मानता है, न कि अंत। यह संगठन अपने 100वें वर्ष में प्रवेश कर वैश्विक मंच पर भी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराएगा, ऐसा विश्वास उसके कार्यकर्ताओं और नेतृत्व को है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य श्री वीर भगाये जी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा यह केवल कार्यक्रम नहीं बल्कि विचारधारा एवं आंदोलन है। यह कार्यक्रम की भव्यता बता रही हैं यह अब समाज का कार्यक्रम बन चुका है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडविया ने मजदूर संघ की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा मजदूर संघ की कार्यशाली सिखाती और प्रेरणा देती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा बीएमएस 70 साल की लंबी कार्य अवधि में देश का सबसे बड़ा और दुनिया का महत्वपूर्ण संगठन बन चुका है। दुनिया में बीएमएस को सम्मान दिया जा रहा है।
समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा यह केवल उत्सव का समय नहीं, बल्कि आत्म-अवलोकन का भी अवसर है। हमें यह चिंतन करना चाहिए कि हमने अब तक क्या किया है और आगे हमें किस दिशा में बढ़ना है।
दुनिया को एक नया श्रमिक मॉडल देने की आवश्यकता है, और यह दायित्व बीएमएस को निभाना चाहिए। आज संगठन की जो प्रतिष्ठा है, वह पहली पीढ़ी के समर्पण, दूसरी पीढ़ी के विस्तार, और अब तीसरी एवं चौथी पीढ़ी की चेतना पर निर्भर है। यह भाव आगे भी बना रहना चाहिए। उन्होंने कहा, हमारे लिए मजदूरों का दुख समाज का दुख है। कोई व्यक्ति बीएमएस के पास लाभार्थी बनकर आता है और ध्येयार्थी बनकर चलता है।
कार्यक्रम में तकनीकी सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी पहल के रूप में भारतीय मज़दूर संघ ने एक नवीन डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म 'ई-कार्यकर्ता' ऐप की भी शुरुआत की, जो संगठन के कार्यकर्ताओं, कार्यों और संवाद को तकनीकी रूप से एकीकृत करेगा। साथ ही, बीएमएस की 70 वर्ष की यात्रा पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म प्रदर्शित की गई। इसी अवसर पर बीएमएस की यात्रा को वर्णित करती हुई ऑर्गनाइजर वीकली पत्रिका का विशेष संस्करण को भी विमोचित किया गया।
इस भव्य कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर के संघ पदाधिकारियों के साथ बीएमएस के विभिन्न प्रदेशों के अध्यक्ष, महामंत्री, फेडरेशन लीडर्स, कार्यकारिणी सदस्य, नेपाल से आए प्रतिनिधि, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता अन्य मंत्री गण तथा दिल्ली-एनसीआर से हज़ारों की संख्या में कर्मचारी उपस्थित रहे। पूरे कार्यक्रम में जोश, अनुशासन और संगठन के प्रति अटूट समर्पण की झलक साफ़ दिखाई दी। समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसमें उपस्थित हज़ारों कार्यकर्ताओं ने श्रमिक हित, सामाजिक न्याय और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए अपने संकल्प को दोहराया।
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