रिश्ते
कभी कभी याद आ जाती है अपनो की
कभी कभी भूल जाने को दिल करता है।
कभी खूब रोने को दिल करता है
कभी कभी रो कर टूट जाने को दिल करता है।
कभी अपनी हंसी पर आता है गुस्सा मुझे
कभी सारे जहां की हंसाने को दिल करता है मेरा
कभी छुपा लेती हु गम दिल के किसी कोने में।
कभी किसी को सब कुछ सुनाने का दिल करता है।
कभी रोते नही लाख दुःख आने पर भी।
और कभी यूँ ही आंसू बहाने को दिल करता है।
कभी अच्छा सा लगता है आज़ाद घूमना,लेकिन
कभी किसी को सिमट जाने को दिल करता है।
कभी कभी सोचती हु नया हो कुछ जिंदगी में।
और कभी बस ऐसे ही जिये जाने को दिल करता है।
कभी कभी जिंदगी गम सी लगती है
कभी कभी पन्ने जिंदगी की पलट देने को जी चाहता है।
इशरत जहाँ खान.....