
लखनऊ में शिक्षा के हक की आवाज़ उठाने पहुंचे छात्र कांवड़ियों पर पुलिस का कहर, उंगली तोड़ी, गर्दन दबाई, वीडियो वायरल
लखनऊ, 25 जुलाई —
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उस वक्त शर्मनाक दृश्य देखने को मिला जब राष्ट्रीय छात्र पंचायत के नेतृत्व में गोंडा से लखनऊ तक पैदल निकली छात्र कांवड़ यात्रा पर पुलिस ने बर्बरता दिखाई। ये छात्र निजी स्कूलों की महंगी फीस और शिक्षा के व्यापारीकरण के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे।
छात्रों का कहना है कि वे गोंडा से करीब 140 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर सीएम आवास पहुंचे थे। छात्र नेता शिवम पांडे ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना किसी चेतावनी के बल प्रयोग करते हुए छात्रों को खींचकर जीप में डाला, उंगली तोड़ दी, गर्दन दबाई, और जबरन गिरफ्तार कर लिया। कई छात्र बुरी तरह घायल हुए हैं।
> "हम सीएम से मिलने आए थे, शिक्षा के अधिकार की बात करने आए थे। लेकिन हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया। ये लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा है," — शिवम पांडे, छात्र नेता
वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि छात्र शांतिपूर्वक ‘शिक्षा बचाओ - देश बचाओ’ के नारे लगाते हुए बैठे थे, तभी पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया और उन्हें खींचकर ले गई।
छात्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कांवड़ियों पर फूल बरसाए जा रहे हैं, लेकिन जब छात्र कांवड़ लेकर शिक्षा की मांग करने निकलते हैं, तो उन्हें पीटा जाता है।
मुख्य मांगें:
निजी स्कूलों की फीस और किताबों के रेट पर नियंत्रण
सभी बच्चों के लिए समान व सस्ती शिक्षा
छात्र आंदोलनों पर बर्बरता बंद हो
निष्कर्ष:
यह घटना न केवल लोकतंत्र के मूल्यों पर चोट है, बल्कि उन लाखों छात्रों की आवाज़ को कुचलने की कोशिश भी है जो शिक्षा को अपना हक़ मानते हैं। अब देखना यह है कि प्रदेश सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।