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"धार्मिकता की आड़ में शोषण करने वालों की पराजय "

खबर उत्तरप्रदेश के बरेली जिले में बहेड़ी के एमजीएम इंटर कॉलेज में हिन्दी के शिक्षक हैं, जो हाल ही में आए सोशल मीडिया के चर्चाओं का विषय बने हुए हैं एक शिक्षक,कवि, साहित्यकार डॉ.रजनीश गंगवार की कविता चर्चाओं का विषय बनी है,उनकी कविता का विषय है "तुम कांवड़ लेने मत जाना,
तुम ज्ञान के दीप जलाना।" जिस पर उनके ऊपर कुछ धार्मिकता के आधार पर शोषण करने वालों ने एफआईआर दर्ज करवा दी थी,जिसे अब वापस ले लिया गया है यह पब्लिक डोमेन में खबर चल रही है और यह सही है तो बहुत बढ़िया हुआ और होना भी चाहिए,यह इसलिए हुआ क्योंकि उनके पक्ष में कुछ जातिवादी मानसिक कुप्रवृत्तियों के लोगों को छोड़कर बाकी पूरा देश उनके साथ खड़ा है और होना भी चाहिए, क्योंकि ऐसे में तो शिक्षक अपने छात्रों का उज्जवल भविष्य संवारने के पहले कुंठित मानसिकता से गृसित होकर कुछ भी नहीं दे पाएगा, शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक होना चाहिए, आस्था अपनी जगह,जिसका बच्चों के भविष्य से कोई लेना-देना नहीं है।डॉ गंगवार जी कवि, साहित्यकार, लेखक एवं शिक्षक होने के साथ ही साथ भारत सरकार के "स्वच्छ भारत मिशन" अभियान के ब्रांड एंबेसडर भी हैं।
एक कुंठित मानसिकता का शिक्षक अपने छात्रों को कुछ भी नहीं दे पाता, इसलिए उसे स्वतंत्र होना चाहिए, क्योंकि यदि ऐसा नहीं होता है तो अपने छात्रों को डर डर के शिक्षा देगा,जिसकी छात्र के विकासगत जीवन में कोई भूमिका नहीं होगी। इसलिए शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक होना अतिआवश्यक है। क्योंकि शिक्षा ही अंधेरे को मिटाकर रोशनी की नई किरण के रूप में जीवन के प्रगतिपथ पर नई उम्मीदें पैदा करती हैं। जागो - जागो एससी, एसटी, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक वर्ग के मेरे प्यारे देश वासियों और शिक्षा के मंदिरों को नष्ट होने से बचाओ, क्योंकि इसी में तुम्हारा अस्तित्व जिंदा है, वरना गुलाम हो जाओगे।

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