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रक्सौल नगर परिषद की कथनी और करनी में अंतर, वार्ड 10 में "हर घर नल से जल" योजना की गुणवत्ता पर सवाल

रक्सौल: सरकार द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी योजना "हर घर नल से जल" को लेकर रक्सौल नगर परिषद के वार्ड 10 में भारी अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई हैं। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि इस योजना में भारी घोटाला किया गया है और काम की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पाइपलाइन बिछाने के दौरान निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया गया। जहां 4 इंच के पाइप का उपयोग होना था, वहां 2 इंच के पाइप लगाए गए। इसी तरह 64 नंबर पाइप की जगह 50 नंबर का घटिया क्वालिटी का पाइप इस्तेमाल किया गया। इसके चलते बिछाए गए पाइप में जगह-जगह दरार आ गई है और कई स्थानों से पानी रिसने लगा है। इसका नतीजा यह हुआ कि सड़कों पर लगातार पानी बह रहा है, जिससे राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
आश्रम रोड की बदहाल नालियां और भ्रष्टाचार की बू
योजना के तहत बनाई गई आश्रम रोड की नालियों की स्थिति भी अत्यंत दयनीय है। नालियों की उगाही के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए गए, लेकिन धरातल पर स्थिति जस की तस है। कई स्थानों पर नालियां जाम पड़ी हैं और गंदगी से दुर्गंध फैल रही है। लोगों का कहना है कि नाले की उगाही केवल कागज पर की गई है और राशि का बंदरबांट कर लिया गया।
स्थानीय लोगों ने नगर परिषद पर खानापूर्ति का आरोप लगाते हुए कहा कि "हर घर नल से जल" योजना सिर्फ दिखावे के लिए चालू की गई है, लेकिन असल में इससे आम जनता को लाभ के बजाय सिर्फ परेशानी हो रही है।
जनता की मांग – हो निष्पक्ष जांच
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके और आमजन को राहत मिल सके। जब तक सही पाइप नहीं लगाए जाते और नालियों की सफाई ईमानदारी से नहीं होती, तब तक समस्या बनी रहेगी।
नगर परिषद की चुप्पी ने इस घोटाले को और भी संदिग्ध बना दिया है।
(रिपोर्ट: दीपक कुमार, रक्सौल)

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