असम में एक बड़े फर्जीवाड़े के खुलासे से प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है, जहां मुख्यमंत्री सचिवालय के नाम का इस्तेमाल कर जालसाजी करने का आरोप सामने आया है।
सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (V&AC) ने इस हाई-प्रोफाइल घोटाले की जांच शुरू कर दी है, जिसमें सरकारी मुहरों और दस्तावेजों की नकल करके फर्जी हस्ताक्षरों का उपयोग किया गया। इस सिलसिले में डिब्रूगढ़ के मिलन नगर स्थित आकाश बिलाश गोगोई नामक युवक के किराए के मकान पर छापा मारा गया, जहां से कुछ अहम दस्तावेज और सामग्री बरामद हुई है जो दिसपुर में चल रहे घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है। हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि यह छापा इस पूरे जालसाज नेटवर्क की तह तक पहुंचने की दिशा में पहला कदम है। जांच अधिकारियों के अनुसार, यह घोटाला किसी बड़े संगठित गिरोह का हिस्सा हो सकता है जो सरकारी पहचान और पदों का दुरुपयोग कर आर्थिक या निजी लाभ उठाने की कोशिश कर रहा है। सरकार के उच्च पदस्थ अधिकारियों की पहचान का दुरुपयोग होने से यह मामला अत्यंत गंभीर बन गया है, और प्रशासन में पारदर्शिता बनाए रखने हेतु सरकारी विभागों में दस्तावेज सत्यापन प्रणाली को और मजबूत करने की मांग उठने लगी है।