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मोतीवाड़ा में सोनू कोली ने किया दुर्लभ घोड़ा पछाड़ सांप के जोड़े का सफल रेस्क्यू

संवाददाता रितीक शर्मा।

अलवर/राजगढ़। उपखंड क्षेत्र के गांव मोतीवाड़ा मे वन्यजीव संरक्षक और राजगढ़ निवासी सोनू कोली व सतीश महावर ने गुरुवार को मोतीवाड़ा क्षेत्र से दुर्लभ घोड़ा पछाड़ (रेट स्नेक) सांप के एक जोड़े को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर वन्यजीव संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। यह रेस्क्यू ऑपरेशन उपजिला राजगढ़ रैनी श्रमजीवी पत्रकार संघ के मिडिया प्रभारी नेमी नीमला पत्रकार की सूचना पर किया गया, जिन्होंने इन सांपों को एक आवासीय क्षेत्र के पास देखा था, जिससे सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ गई थीं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोनू कोली व सतीश महावर को कल रात मोतीवाड़ा स्टेंड के पास विष्णु मीना (घुसिंगा) का फोन आया कि मेरे घर के पास घोड़ा पछाड़ सांप का एक जोड़ा दिखाई दिया है। सूचना मिलते ही नेमी नीमला व सोनू कोली सतीश महावर राजगढ़ तुरंत मौके पर पहुंचे और लगभग आधे घंटे के सावधानीपूर्वक ऑपरेशन के बाद दोनों सांपों को सुरक्षित रूप से पकड़ लिया।
सोनू कोली ने बताया, "यह देखकर खुशी हुई कि लोगों ने सांपों को नुकसान पहुंचाने के बजाय मुझे सूचित करना बेहतर समझा। घोड़ा पछाड़ सांप गैर-विषैले होते हैं और पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, विशेषकर चूहों और अन्य कीटों की आबादी को नियंत्रित करने में।"
रेस्क्यू किए गए सांपों को पूरी तरह से स्वस्थ पाया गया है। सोनू महावर ने पुष्टि की कि उन्हें जल्द ही वन विभाग के अधिकारियों की देखरेख में उनके प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया ।
यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने और सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने में स्थानीय वन्यजीव संरक्षकों और जागरूक नागरिकों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। सोनू कोली का यह कार्य स्थानीय समुदाय के लिए एक प्रेरणा है और वन्यजीवों के प्रति सम्मान और संरक्षण का संदेश देता है।

ग्रामीणों का कहना
नेमी नीमला व सोनू कोली व सतीश महावर एक नेक दिल इन्सान है व सूचना मिलते ही तुरंत पहुंच जाते हैं इन्होने अब तक लगभग सेंकड़ों सांप तरह तरह कि प्रजाति के रेसक्यू किये है।

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