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सुभारती फाइन आर्ट्स में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर रंगाई व छपाई कार्यशाला का आयोजन


मेरठ- स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के ललित कला संकाय के फैशन एवं टेक्सटाइल डिजाइन विभाग ने बुनकर सेवा केंद्र के सहयोग से 11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह का गौरवपूर्ण उद्घाटन किया। इस अवसर पर सप्ताह भर चलने वाली गतिविधियों की श्रृंखला का पहला दिन आयोजित किया गया। इस अवसर पर रंगाई एवं छपाई कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य भारत की समृद्ध हथकरघा एवं वस्त्र विरासत को बढ़ावा देना एवं संरक्षित करना रहा।

कार्यशाला का शुभारंभ ललित कला संकाय के डीन डॉ. पिंटू मिश्रा,फैशन, टेक्सटाइल एवं इंटीरियर डिजाइन विभाग प्रमुख डॉ.नेहा सिंह , प्रदर्शन कला विभाग प्रमुख डॉ. भावना ग्रोवर, एनीमेशन विभाग प्रमुख डॉ. विधि खंडेलवाल ने किया।

सत्र का संचालन विकास आयुक्त हस्तशिल्प कार्यालय वस्त्र मंत्रालय के प्रतिष्ठित कारीगर मोहम्मद शरीफ ने किया। उन्होंने छात्रों को पारंपरिक मुद्रण वस्त्र तकनीकों से परिचित कराया और आधुनिक डिज़ाइन शिक्षा में पारंपरिक शिल्प कौशल के संरक्षण के महत्व पर ज़ोर दिया।

विभिन्न विभागों के छात्रों ने कार्यशाला में उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्होंने बाटिक मुद्रण का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया, प्रतिरोधी रंगाई प्रक्रिया के बारे में सीखा और विशेषज्ञ मार्गदर्शन में अपने स्वयं के मुद्रित कपड़े के नमूने तैयार किए।

डीन डॉ.पिंटू मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रीय हथकरघा दिवस भारत के हथकरघा श्रमिकों की मेहनत और सांस्कृतिक विरासत के प्रति सम्मान व्यक्त करता है। यह दिवस सभी के लिए परम्परागत वस्त्र और टिकाऊ फैशन को प्रोत्साहित करने का अवसर बन गया है स्थानीय ग्रामीण बुनकरों की प्रदर्शनी, जहां बारीक हाथ से बुनाई गए शॉल, साड़ियाँ और कपड़े प्रदर्शित को आज विश्व में पहंचान मिल रही है।

फैशन, टेक्सटाइल एवं इंटीरियर डिजाइन विभाग प्रमुख डॉ.नेहा सिंह ने बताया कि कार्यशाला में छात्रों को डाइंग और प्रिंटिंग की विभिन्न टेकनीक सिखाई गई।
राष्ट्रीय हथकरघा दिवस न केवल एक परम्परागत उत्सव के तौर पर मनाया जा रहा है बल्कि यह समकालीन शिक्षा, सामाजिक जिम्मेदारी और पर्यावरण‑स्नेहिता को जोड़ने वाली प्रेरणादायक पहल के रूप में इसे प्रोत्साहित किया जा रहा है।

इस अवसर पर श्रद्धा यादव, डॉ. अरपना कंबोज, डॉ. रशिका कश्यप, शैलजा सिंधय, अनीषा आनंद, डॉ. सुरभि दास, अभिलाषा, मोनिका, शबनम शब्बीर, राघवेंद्र मोहन पाठक, डॉ. अंशु श्रीवास्तव, डॉ. आशीष कुमार मिश्रा, डॉ. वंदना तोमर और लक्ष्य की उपस्थिति रही।

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