
पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की हालत नाज़ुक, वेंटिलेटर पर – झारखंड की राजनीति में चिंता की लहर
नई दिल्ली/रांची, 2 अगस्त 2025 – झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक अध्यक्ष शिबू सोरेन की तबीयत बिगड़ने से प्रदेश की राजनीति में चिंता और शोक की लहर दौड़ गई है। दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है, और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, पिछले महीने से शिबू सोरेन किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत नाजुक होने के बाद डॉक्टरों की निगरानी में उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है।
उनके बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीते दिनों कहा था, “पिताजी की सेहत को लेकर जांच जारी है, हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं।”
इस बीच, जेएमएम के अन्य वरिष्ठ नेता भी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।
राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को ब्रेन में चोट के कारण गंभीर हालत में दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि वे वॉशरूम में फिसल गए थे जिससे सिर में गंभीर चोट और खून का थक्का जम गया।
वहीं भवनाथपुर (गढ़वा) के विधायक अनंत प्रताप देव भी रांची के मेडिका अस्पताल में 31 जुलाई से भर्ती हैं। उन्हें तेज सिरदर्द की शिकायत थी, बाद में ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल असामान्य पाए गए।
शिबू सोरेन: संघर्ष और नेतृत्व की मिसाल
झारखंड आंदोलन के प्रमुख चेहरा रहे शिबू सोरेन को राज्य की जनता ‘दिशोम गुरु’ और ‘गुरुजी’ के नाम से जानती है। उनका जन्म 11 जनवरी 1944 को हजारीबाग (अब झारखंड) में हुआ था। उन्होंने आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए संघर्ष करते हुए 1970 के दशक में ‘धनकटनी आंदोलन’ जैसे कई ऐतिहासिक आंदोलनों का नेतृत्व किया।
शिबू सोरेन ने 1980 से कई बार सांसद के रूप में संसद में आदिवासी हितों की आवाज बुलंद की। वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने (2005, 2008, 2009), हालांकि कोई भी कार्यकाल वे पूर्ण नहीं कर सके।
उनकी बिगड़ती तबीयत से न केवल राजनीतिक गलियारे, बल्कि आम जनता में भी चिंता और संवेदना का माहौल है। पूरे राज्य में उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की जा रही है।