पुलिस को इस खबर से सहयोग करने का जज्बा पैदा होगा - उन्नाव
लखनऊ के मुरारी सिंह अपनी बेटी को RO/ARO की महत्वपूर्ण परीक्षा दिलाने उन्नाव लेकर आए थे। लेकिन किस्मत ने एक छोटी सी चुनौती खड़ी कर दी — रास्ता भटक जाने के कारण वो समय पर परीक्षा केंद्र नहीं पहुंच पा रहे थे। घबराए हुए पिता और उनकी बेटी जब परीक्षा केंद्र की ओर दौड़ते हुए नजर आए, तो वहां मौजूद कोतवाल सुब्रत त्रिपाठी की नजर उन पर पड़ी।कोतवाल ने तुरंत मानवीय संवेदनशीलता का परिचय देते हुए दौड़ते हुए पिता से वजह पूछी। जब उन्हें पता चला कि परीक्षा शुरू होने में कुछ ही मिनट शेष हैं, तो उन्होंने एक पल की भी देरी किए बिना अपनी सरकारी गाड़ी मंगवाई और खुद उनकी बेटी को परीक्षा केंद्र तक सुरक्षित और समय पर पहुंचाया।यह घटना सिर्फ एक छोटी-सी मदद भर नहीं है, बल्कि यह दर्शाती है कि जब कोई अफसर अपने कर्तव्यों से ऊपर उठकर इंसानियत को प्राथमिकता देता है, तो वो सिर्फ वर्दीधारी नहीं बल्कि समाज का सच्चा रक्षक बन जाता है। कोतवाल सुब्रत त्रिपाठी की यह तत्परता, मानवीयता और कर्तव्यपरायणता सचमुच सराहनीय है।आज जब सिस्टम पर सवाल उठते हैं, ऐसे अफसर उम्मीद की किरण बनकर सामने आते हैं। इस नेकदिली और जिम्मेदारी के लिए उन्हें हमारा सलाम।ऐसे रक्षक को दिल से सलाम और लाइक तो बनता है! 🙏🚓📘