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अशोका स्कूल में 92 बच्चों के आयुष्मान कार्ड, 115 का हुआ हीमोग्लोबिन परीक्षण

सारंगढ़-बिलाईगढ़, 5 अगस्त। कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एफ.आर. निराला के नेतृत्व में अशोका पब्लिक स्कूल सारंगढ़ में स्वास्थ्य परीक्षण व जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान 92 छात्र-छात्राओं के आयुष्मान कार्ड बनाए गए तथा 115 विद्यार्थियों का हीमोग्लोबिन परीक्षण किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत संस्था संचालक राजेश केजरीवाल और प्राचार्य जे. मिश्रा द्वारा अतिथियों के स्वागत के साथ हुई। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष संजय भूषण पांडेय, सीएमएचओ डॉ. एफ.आर. निराला, डॉ. सिदार सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद रही।

डॉ. निराला ने बच्चों को संतुलित आहार, आयरन गोली के नियमित सेवन, साफ-सफाई और मौसमी रोगों से बचाव के उपायों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 10 से 19 वर्ष के किशोरों को नीले रंग की आयरन गोली प्रत्येक मंगलवार को नोडल शिक्षक की निगरानी में दी जाती है। इस गोली को दूध, दूध उत्पाद या कैल्शियम के साथ लेने से बचना चाहिए।

उन्होंने कृमि रोग के बारे में बताया कि यह बच्चों के शरीर में नंगे पैर चलने, अधपका मांस खाने या अस्वच्छ भोजन के कारण प्रवेश करता है और शरीर से खून व पोषक तत्वों की हानि करता है। इससे एनीमिया, सीखने की क्षमता में कमी, एकाग्रता में गिरावट जैसी समस्याएं होती हैं।

सिकलसेल, टीबी और कुष्ठ रोग पर भी बच्चों को जानकारी दी गई। सिकलसेल को एक आनुवंशिक रोग बताते हुए डॉ. निराला ने इसे माता-पिता के डीएनए से होने वाला रोग बताया। उन्होंने माहवारी के दौरान लड़कियों को अपनाने वाली सावधानियों पर भी विशेष चर्चा की।

नेत्रदान की जानकारी देते हुए डॉ. निराला ने बताया कि आंखों की देखभाल जरूरी है और नेत्रदान से किसी की दुनिया रोशन की जा सकती है।

तंबाकू सेवन पर बच्चों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब में उन्होंने चिंता जताई कि अधिकतर बच्चों के परिवारों में तंबाकू उत्पादों का उपयोग किया जाता है, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे अपने परिवारजनों को इस आदत से दूर करें।

जिपं अध्यक्ष संजय भूषण पांडेय ने इस पहल को सराहते हुए कहा कि स्वास्थ्य शिक्षा से छात्रों को न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में स्वयं की सेहत की जिम्मेदारी खुद लेना जरूरी है। जो जानकारी छात्रों को मिली है, वे इसे अपने घर-परिवार और समुदाय तक पहुंचाएं।

प्राचार्य जे. मिश्रा ने बताया कि यह पहली बार है जब विद्यालय में इस प्रकार का विस्तृत स्वास्थ्य प्रशिक्षण हुआ, जिससे छात्र-छात्राएं लाभान्वित हुए। इस दौरान विद्यार्थियों ने भी अपने अनुभव साझा किए और स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम में उपप्राचार्य प्रीति अवस्थी, डॉ. अरुण नायक, शिक्षिका नीमा निर्मलकर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं समस्त शिक्षण स्टाफ उपस्थित रहे।


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