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स्कैमर्स ने ली बच्चे की जान-अयोध्या



#बेटे की संदिग्ध मौत का मामला: पिता ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग, ब्लैकमेलिंग का आरोप, स्कैमर्स ने की थी ₹10 लाख की डिमांड

अयोध्या।

अयोध्या के गिरजापुरम कॉलोनी, जनौरा निवासी रूपेश कुमार सिंह ने अपने इकलौते पुत्र उत्कर्ष सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए एक सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके बेटे को साइबर ब्लैकमेलिंग के जाल में फंसाया गया था, जिसके चलते उसने अपनी जान दे दी।

रूपेश सिंह ने बताया कि 24 जुलाई 2025 को उनके पुत्र उत्कर्ष सिंह ने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया था। उसे तत्काल लखनऊ के चंदन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां 25 जुलाई को इलाज के दौरान उसका निधन हो गया।

घर की गैरमौजूदगी का फायदा उठाकर की गई 10 लाख की डिमांड

रूपेश सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि इस दुखद घटना से पहले, स्कैमर्स ने उनके बेटे से ₹10 लाख की बड़ी रकम की मांग की थी। उन्होंने कहा, "मैं 23 जुलाई को अपने मित्र, एडवोकेट दिनेश कुमार सिंह के बेटे का एडमिशन कराने के लिए जयपुर स्थित मणिपाल यूनिवर्सिटी गया हुआ था। इसी दौरान मेरी गैरमौजूदगी का फायदा उठाकर स्कैमर्स ने मेरे बेटे को निशाना बनाया और उससे ₹10 लाख की डिमांड की।"

उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना के बाद, 28 जुलाई की रात उत्कर्ष के मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप कॉल आई, जिसमें पैसे की मांग की जा रही थी। जब कॉल करने वाले को उत्कर्ष की मृत्यु की सूचना दी गई, तो वह नंबर तुरंत बंद हो गया।

बैंक खाते और मोबाइल की जांच से सामने आए चौंकाने वाले तथ्य

जांच में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। उत्कर्ष के मोबाइल की जांच से पता चला कि रुद्रमणि त्रिपाठी नामक व्यक्ति लगातार उसे फोन कर रहा था। यहां तक कि 18 जुलाई को जब उत्कर्ष ने कॉल रिसीव नहीं की, तो रुद्रमणि ने अपनी बहन के मोबाइल से भी उसे कॉल की थी।

इसके अलावा, 19 से 23 जुलाई के बीच उत्कर्ष के खाते से ₹37,000 की राशि रितिक राठौर / श्री जी इंटरप्राइजेज के यूपीआई खातों में ट्रांसफर की गई थी। साथ ही, इसी दौरान उसके मोबाइल से कई बैंकों में लोन और क्रेडिट कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन भी किए गए थे। इन सभी तथ्यों से यह साफ होता है कि उत्कर्ष को ब्लैकमेलिंग के जरिए फंसाय

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