मेरठ में हाईकोर्ट बेंच की मांग पर गरमाया मुद्दा, वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने उठाए जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर सवाल
मेरठ, 5 अगस्त। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग एक बार फिर ज़ोर पकड़ रही है। इस मुद्दे पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता श्री रामकुमार शर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा कि मेरठ में हाईकोर्ट बेंच की अत्यंत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि "हर नागरिक को सस्ता और सुलभ न्याय मिलना चाहिए, और इसके लिए मेरठ में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना आवश्यक है।"एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि वर्ष 1964 से ही मेरठ में हाईकोर्ट की मांग की जा रही है और इसके लिए लगातार आंदोलन होते आ रहे हैं। कई बार अधिवक्ताओं ने दो-दो महीने तक हड़ताल की, छह-छह महीने तक न्यायिक कार्यों से दूरी बनाई, लेकिन शासन-प्रशासन ने अब तक इस ओर ठोस कदम नहीं उठाया।वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने स्मरण कराया कि जब श्री राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने मेरठ के वकीलों से वायदा किया था कि हाईकोर्ट बेंच मिलेगी। यही वायदा केंद्रीय विधि मंत्री रहे स्वर्गीय श्री अरुण जेटली ने भी किया था। लेकिन आज तक यह मांग अधूरी है, और वकील समाज खुद को वादाखिलाफी का शिकार मानता है।एक अन्य अधिवक्ता ने तीखे शब्दों में कहा, "आज हमारे जनप्रतिनिधि कहां हैं? कोई इस मुद्दे पर आवाज़ नहीं उठा रहा। जो नेता कभी सड़कों पर आंदोलन करते थे, आज जनआंदोलन पर मौन क्यों हैं?"उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सत्ता में आने के बाद नेताओं की संवेदनाएं समाप्त हो जाती हैं? श्री शर्मा ने फेसबुक पर अपनी पोस्ट में #बीजेपी #BJPGovernment #RSSorg #BJPNEWS को "सवाल तो बनता है ?" के तहत टैग किया है।