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भिंड (लहार)शव कंधों पर... और रास्ता पानी से लबालब — यह है भिण्ड के शमशान घाट की असली तस्वीर

मरने के बाद भी नसीब नही इज्जत की विदाई, पानी में डूबे रास्ते से शमशान तक शव ले जाने को मजबूर ग्रामीण

भिण्ड (लहार)।यह दृश्य किसी फिल्म का नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले की लहार विधानसभा के ग्राम टोला का है — जहां मौत के बाद भी इंसान को इज्जत से विदा नहीं मिल पा रही है। गांव के शमशान घाट की हालत इतनी दयनीय है कि अंतिम संस्कार के लिए शव को पानी में चलकर ले जाना पड़ रहा है।
इतना ही नहीं बारिश के पानी से डूबे कच्चे रास्ते और दलदल जैसे हालात के बीच परिवारों को अपनों की अर्थी को कांधों पर उठाए, घुटनों तक पानी में चलना पड़ता है। यह सिर्फ रास्ता नहीं, बल्कि संवेदनाओं पर चोट है।
बता दें कि ग्रामीणों की आंखों में आंसू सिर्फ अपनों की मौत का नहीं, बल्कि दर्द इस अपमानजनक विदाई का भी हैं। मरने के बाद भी अगर सम्मान से अंतिम संस्कार न हो सके तो फिर विकास के दावे क्या मायने रखते हैं?
स्थानीय निवासियों का कहना है कि वर्षों से यह स्थिति बनी हुई है, लेकिन आज तक किसी जनप्रतिनिधि या अधिकारी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। चुनावों में वादे तो बहुत हुए, लेकिन मरघट तक की सड़क बनवाना शायद किसी एजेंडे में नहीं रहा।
अब गांववालों ने एकजुट होकर प्रशासन से गुहार लगायी है कि शमशान घाट तक पक्की सड़क और जल निकासी की समुचित व्यवस्था तत्काल की जाए, ताकि कम से कम मृत्यु के बाद तो इंसान को सम्मान मिल सके।

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