logo

पर्यावरण के पक्ष में निर्मित करें मिट्टी की मूर्तिया

पर्यावरण के पक्ष में निर्मित करें मिट्टी की मूर्तिया

एक जानकारी के मुताबिक माटी गणेश-सिद्ध गणेश मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा पर्यावरण के पक्ष में की गई पुनीत पहल प्रशंसनीय है |उल्लेखनीय है कि माननीय मप्र मुख्यमंत्री जी ने यह कहा कि भगवान गणेश की तरह नवरात्र में मां दुर्गा की मूर्तियां भी मिट्टी से निर्मित हो|मिट्टी की मूर्ति पर्यावरण के अनुकूल होती है |बहुत कम पैसो में तैयार हो जाती है |मिट्टी से निर्माणाधीन मूर्तियों में तुरंत बदलाव भी संभव कर सकते है |ये धार्मिक कार्य में पवित्र भी मानी जाती है| मिट्टी की मूर्तियां भी मूर्तिकला में अपना एक अलग स्थान रखती है | मूर्तियां सदियों से कलात्मक अभिव्यक्ति का एक अभिन्न अंग रही है|अभियान में पर्यावरण संस्थान नर्मदा समग्र द्वारा प्रशिक्षण के माध्यम से विकासखंड में परिषद से जुड़ी नवांकुर सखियों को प्रशिक्षित किया जाएगा|इससे मिट्टी की मूर्ति बनाने की प्रक्रिया में प्रतिबद्धता,ज्ञान और अनुभव मूर्तिकार को प्राप्त होगा|जिससे वे अपने ग्रामों में स्थानीय महिलाओं को प्रेरित प्रशिक्षित कर अभियान के लक्ष्य को पूर्ण करने में अपनी कला की सहभागिता पर्यावरण के पक्ष में सहायक होगी|ताकि गुणवत्तापूर्ण कलाकृतियां का लाभ प्राप्त हो सकें | भगवान गणेश के बारे में विभिन्न ग्रंथो में उनकी महत्ता का वर्णन मिलता है |भगवान गणेश देवो के देव महादेव शिव के पुत्र हैं। भगवान गणेश की पत्नी का नाम रिद्धि और सिद्धि है। रिद्धि और सिद्धि भगवान विश्वकर्मा की पुत्रियां हैं। भगवान विश्वकर्मा *वास्तु ग्रंथो के रचनाकार है ! भगवान विश्वकर्मा को निर्माण के भी देवता माने जाते हैं ! *निर्माण के देवता भगवान विश्वकर्मा भगवान गणेश के ससुर हैं ! इसलिए भी गणेश जी का वास्तु शास्त्र के निराकरण में प्रमुख भूमिका है !भगवान गणेश नई शुरुआत, समृद्धि, बुद्धि और सफलता के देवता और जीवन से बाधाओं को दूर करने वाले भगवान !भगवान गणेश के अन्य नाम
गणपति, विनायक, गजानन, गणेश्वर, गौरी नंदन, गौरीपुत्र, श्री गणेश, गणाधिपति, सिद्धिविनायक, अष्टविनायक, बुद्धिपति, शुभकर्ता, सुखकर्ता है |निवास स्थान:गणेश लोक है अस्त्र त्रिशूल, तलवार, अंकुश, पाश, मोदक और परसु है |प्रतीक स्वास्तिक और मोदक है
दिवस बुधवार,जीवनसाथी सिद्धि और रिद्धि है | माता-पिता भगवान शिव
देवी पार्वती भाई-बहन भगवान कार्तिकेय ( बड़े भाई ) , भगवान अयप्पा ( बड़े भाई ) , देवी अशोकसुन्दरी ( बड़ी बहन ) , देवी ज्योति ( बड़ी बहन ) और मनसा देवी ( बड़ी बहन )संतान
शुभ (बड़ा बेटा "शुभता का प्रतीक"), लाभ (छोटा बेटा "लाभ का प्रतीक"), और मां संतोषी (बेटी "संतुष्टि की देवी"),सवारी चूहा (मूषक)शास्त्र गणेश पुराण, शिव महापुराण और मुद्गल पुराण| भगवान गणेशजी की मूल आरती विभिन्न प्रदेशों में अलग अलग रूप से गए जाती है | इसके अ लावा कवियों द्धारा भी रचित की जाती है | ऐसी ही आरती मनावर जिला धार (मप्र ) के वरिष्ठ कवि श्री शिवदत्त जी "प्राण " ने लगभग 60 वर्ष पूर्व गणेश जी की स्वरचित आरती लिखी थी जो पूरे मनावर जिला धार मप्र एवं आसपास के क्षेत्रों में संगीत के साथ आज तक ये ही आरती गणेश उत्सव पर गाई जाती है-
आरती गजानन जी की ,पार्वती नंदन शिवसुत की ।
गले में मोतियन की माला ,साथ है ऋद्धि-सिद्धि बाला ।
वाहन को मूषक है काला ,शीश पर मुकुट चन्द्र वाला ।
चलो हम दर्शन को जावें , पूजा की वस्तु को भी लावें ।
पूजन कर साथ 2 नमाऊँ माथ 2 जोड़कर हाथ 2
कहो जय गौरी नंदन की ,पार्वती नंदन शिवसुत की
आरती गजानन जी की ……………

हाथ में अंकुश और फरसा ,विनय कर सब जगधरी आशा ।
करेंगे प्रभु सब दुःख को नाशा ,कृपा करी पूरन हो आशा
के सुनकर उत्सव गणपति को ,के सुर नर दौड़े दर्शन को ।
जावें सब साथ 2 पुष्प ले हाथ 2 ,दृष्टि करी माथ 2
कहो जय जय जय गणपति जी की ,पार्वती नंदन शिवसुत की।
आरती गजानन जी की. ...........

केशव सुत शरण है चरण में ,मण्डली बाल समान संग में ।
विनय कर दीन -हीन स्वर में ,सुखी रखों जनता को जग में
भारत माँ के है हम सब लाल, चिरायु करों इन्हें गणराज
विनय के साथ 2 नमाऊँ माथ 2 जोड़कर हाथ
करों इच्छा सेवकों की ,की पार्वती नंदन शिवसुत की ।
आरती गजानन जी की ...............
(संकलित आरती )

संजय वर्मा "दृष्टि"
मनावर जिला धार मप्र
9893070756

4
90 views