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02 अगस्त 2025 को भोपाल में भव्य कार्यक्रम की आप सभी को आकाशभर बधाई ।

रविन्द्र नाथ टैगोर यूनिवर्सिटी के सभी पदाधिकारियों का इस बेहतरीन और यादगार कार्यक्रम के आयोजन के लिए तहे दिल से धन्यवाद, विशेष धन्यवाद रुचि मैम का जिनके सार्थक प्रयास और अथक मेहनत से यह कार्यक्रम सफल हो पाया।

यूनिवर्सिटी का भव्य कैम्पस, नयनाभिराम हरियाली, लाभप्रद साफ सफाई, सादा एवं पौष्टिक भोजन, उत्तम गेस्ट हाउस व्यवस्था, सुंदर सोबर पोस्टर एवं होर्डिंग्स से सज्जित बाह्य आवरण के साथ साथ उत्तम बैकड्रॉप एवं स्टैन्डी से सजा कथा ऑडिटोरियम का आंतरिक दृश्य सब कुछ उत्तम रहा। यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग के पदाधिकारी, अध्यापक एवं छात्रों ने जिस शिद्दत से सभी को सुना वो भी बेहद सराहनीय रहा। हालांकि यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत कुछ और छात्र श्रोता रूप में होते तो भरा पूरा ऑडीटोरियम कवियों को और अधिक ऊर्जान्वित करता।

कोर्स की बात:-
लिखने को तो हम बहुत पहले से लिख रहे थे लेकिन छंद में लिखने के लिए जो प्रार्थमिक आवश्यकताएं है वो हमें हिन्दी छंद लेखन कोर्स से सीखने को मिली। इस कोर्स के दौरान मंचीय कवियों द्वारा प्रस्तुतिकरण के बहुमूल्य टिप्स भी सुनने को मिले। प्रस्तुतिकरण को कैसे सुधारा जा सकता है यह भी पता लगा। कुल मिलाकर RNTU कुलसचिव मैम संगीता जौहरी और मानविकी व उदार कला संकाय डीन, डॉ. रुचि मिश्रा तिवारी की सार्थक पहल से समदर्शी जी के छंद कोर्स के सुझाव पर तत्परता से कार्य करने पर ही यह कोर्स अस्तित्व में आ पाया। जिसके लिए सभी छंद विद्यार्थी उनके आभारी रहेंगे।

कार्यक्रम अध्यक्षता कर रहे प्रसिद्ध गीतकार एवं कवि धर्मेंद्र सोलंकी जी का प्रेरक सम्बोधन सुनकर मन प्रसन्न हो गया। सभी छंद विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया साथ ही

जब उन्होंने यूनिवर्सिटी एवं कोर्स संचालक समदर्शी जी को साधुबाद देते हुए सुझाव दिया कि इन कोर्सों के माध्यम से निखरती आ रही इन प्रतिभाओं में से श्रेष्ठ प्रतिभाओं को आगे लाते हुए विश्वरंग के मंच पर मौका देना चाहिए तब साहित्य एवं कौशल निखार की तरफ उनके झुकाव का आभास हुआ। अध्यक्षीय सम्बोधन के बाद उनकी कविताओं ने तो मन मोह लिया, मन करता था कि उनको और सुनता जाऊँ।

RNTU की उप कुलसचिव डॉ. पूजा चतुर्वेदी जी ने यूनिवर्सिटी की अनेकों शैक्षणिक एवं सामाजिक गतिविधियों का वर्णन किया तो आभास हुआ कि यूनिवर्सिटी के भव्य प्रांगण की तरह उनकी गतिविधियां भी भव्यता धारण किए हुए हैं और कई वर्षों से निर्बाध चल रही हैं।

समय सीमा को देखते हुए रुचि मैम ने कम शब्दों में अपनी बात कही तो मुझे राहत इंदौरी जी की पंक्तियां याद रही है *ये और बात है चुपचाप खड़े होते हैं, फिर भी जो लोग बड़े हैं वो बड़े होते हैं*

इस अद्भुत कार्यक्रम में योगेश समदर्शी, मेरठ (UP),खुशबू जैन, रोहतक (हरियाणा), अंकित, रोहतक (हरियाणा) मोनिका कटारिया, पंचकूला (हरियाणा), लकी अहिरवार, दिल्ली, लोमेश कुमार गौड़, हरदा (MP), कपिल दुबे, हरदा (MP), मुकेश शांडिल्य, हरदा (MP), नवीन कानूनगो, गोविंदगढ़, जयपुर (राजस्थान) ज्योति बाला पाल, बरेली (UP), अनिल शर्मा 'चिंतक', चंडीगढ़, प्रीतम सिंह तंवर, हरदा (MP), प्रियंका श्रीवास्तव, पटना (बिहार), संगीता गोविल (दिल्ली), सुस्मिता दशोरा, अहमदाबाद (गुजरात), पूनम शुक्ला,बरेली (उत्तर प्रदेश), रचना चेतन मनहर, डॉ मीनू पांडे, भोपाल (MP), मनीष सुमन, बेगूसराय (बिहार), डॉ. ज्योति सिंह इंदौर (MP) से शामिल रहे।

इस भव्य कार्यक्रम का संयोजन कर हमें यूनिवर्सिटी के बारे में जानने और सुधि गुरुजनों से मिलने का अवसर प्रदान करने के लिए रुचि मैम के साथ साथ RNTU के सभी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष सहयोगियों का दिल की गहराइयों से धन्यवाद।

अनिल शर्मा 'चिंतक'

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