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छात्र नेता गोविन्द कश्यप बोले– भाजपा आरोपी शिक्षक को बचा रही है, मामला दबने नहीं देंगे...*

छात्र नेता गोविन्द कश्यप बोले– भाजपा आरोपी शिक्षक को बचा रही है, मामला दबने नहीं देंगे...*

तोकापाल विकासखंड अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पोटानार में छात्रों के साथ हुई शिक्षक की बर्बर मारपीट का मामला अब गरमाता जा रहा है। इस पूरे प्रकरण में सबसे चौंकाने वाली बात तब सामने आई जब भाजपा युवा मोर्चा तोकापाल मंडल के निरीक्षण दल और मंडल अध्यक्ष ने इस गंभीर मामले को केवल "मामूली विवाद" बताया।

इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए छात्र नेता गोविन्द कश्यप ने कहा कि मंडल अध्यक्ष को शायद यह जानकारी नहीं है कि यह मामला बच्चों के साथ शारीरिक हिंसा, उत्पीड़न और उनके मौलिक अधिकारों के उल्लंघन से जुड़ा है, जो भारतीय कानून के तहत दंडनीय अपराध है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं को हल्के में लेना न केवल बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि यह शिक्षा व्यवस्था पर भी सीधा प्रहार है।

गोविन्द कश्यप ने आगे बताया कि वे स्वयं पोटानार स्कूल के पूर्व छात्र रहे हैं और अपने अध्ययन काल में भी उन्होंने शिक्षक प्रतीक सिंह गौतम की इसी प्रकार की हिंसात्मक प्रवृत्ति को देखा है। तब भी ग्रामीणों ने शिक्षक को समझाने का प्रयास किया था, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ।

उन्होंने बताया कि 31 जुलाई को कृषि विषय के शिक्षक प्रतीक सिंह गौतम द्वारा छात्रों के साथ विद्यालय परिसर में बेहद अमानवीय व्यवहार किया गया। यह घटना उस समय घटित हुई जब कुछ छात्रों ने खराब पंखे की शिकायत प्राचार्य सुनील सिंह से की थी। शिकायत के बाद जब छात्र कक्षा में लौटे, तो शिक्षिका रूपाली सरकार ने उन्हें झाड़ू लगाने को कहा। छात्रों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह उनका कार्य नहीं है, यह काम प्यून का है। इससे नाराज़ होकर उन्होंने प्रतीक सिंह गौतम को बुलाया, जिन्होंने आते ही छात्रों को थप्पड़ मारना शुरू कर दिया।

एक छात्र की आंख के नीचे खून जम गया, एक अन्य छात्र की नाक पर नाखून के निशान पड़े और एक छात्र को बाल खींचकर पीटा गया। घटना की जानकारी छात्रों के परिजनों के माध्यम से रात 9 बजे गोविन्द कश्यप को मिली, जिसके बाद उन्होंने एनएसयूआई संगठन के पदाधिकारियों को सूचना दी और अगले दिन 1 अगस्त को खुद स्कूल पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी ली।

इस दौरान स्कूल का पूरा स्टाफ उपस्थित था, और शिक्षक प्रतीक सिंह गौतम ने स्वयं स्वीकार किया कि उन्होंने छात्रों की पिटाई की थी। प्राचार्य सुनील सिंह ने भी यह बात मानी कि मारपीट की घटना उनके सामने हुई।

छात्र नेता गोविन्द कश्यप ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कोई पहली घटना नहीं है। प्रतीक सिंह गौतम पूर्व में भी इस तरह की हिंसात्मक घटनाओं में शामिल रहे हैं और उनकी शिकायतें पहले भी कई बार की जा चुकी हैं, लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

इस पूरे मामले को लेकर 1 अगस्त को गोविन्द कश्यप के नेतृत्व में स्थानीय ग्रामीणों, छात्रों और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने मिलकर विरोध प्रदर्शन किया और चक्काजाम किया।

छात्र नेता गोविन्द कश्यप ने आगे कहा कि भाजपा नेताओं की मंशा साफ झलक रही है — वे आरोपी शिक्षक को बचाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। लेकिन हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि बच्चों के साथ हुई बर्बरता पर कोई समझौता नहीं होगा। अगर भाजपा यह सोचती है कि सत्ता में होने के कारण वह मामले को दबा लेगी, तो यह उसकी सबसे बड़ी भूल है। हम जनता के साथ हैं, पीड़ितों के साथ हैं, और जब तक आरोपी शिक्षक पर सख्त कार्रवाई नहीं होती, तब तक हमारा संघर्ष रुकने वाला नहीं है।

छात्र नेता गोविन्द कश्यप ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि प्रतीक सिंह गौतम को तत्काल निलंबित कर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो शिक्षा विभाग का घेराव किया जाएगा।

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